जौनपुर। नमामि गंगे योजना का मकसद गंगा नदी को साफ करना है। उसकी रक्षा करना है और उसे दोबारा जीवन्त बनाना है। इस योजना के तहत गंगा नदी के प्रदूषण को कम करना है। स्वच्छ गंगा मिशन मे आज कचरा का अंबार है। शहर के आवासीय घरो का गन्दा पानी गोमती नदी मे बह रहा है। नाना प्रकार की गंदगी से पावन गंगा सनी है। जल स्वच्छता के नाम पर योजना के उद्देश्य की सार्थकता पर सवाल लोग खड़ा कर रहे है।जौनपुर शाही पुल की खुबसूरती तो दिखती है। योजना का कार्य तो दिख रहा है। घाटो को रमणीय न बनाया जा सका है। योजना का उद्देश्य अधूरा है ऐसा जान पड़ता है। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास स्थानीय विधायक और तत्कालीन नगर आवास विकास मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने किया था। लगभग आठ करोड़ की लागत वाले प्रोजेक्ट का दायरा 650 मीटर का है। बजरंग घाट से लेकर सद्भावना पुल तक इस योजना के तहत घाटों का पुनर्निर्माण और सुंदरीकरण होने की बात बतायी गयी है। नमामि गंगे योजना देशव्यापी है। बीस हजार करोड की नमामि गंगे योजना का हाल बेहाल है। मकसद का हरण हो गया है ऐसा जान पड रहा है। इस योजना को 2014 मे केन्द्र सरकार ने फ्लैगशिप प्रोग्राम के तौर पर मंज़ूर किया था। इस योजना का बजट 20,000 करोड रुपये का है। नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है। जीवन दायनी गंगा नदी स्वच्छ तो न हो सकी। लेकिन भारत सरकार का एक लंबा बजट सार्थकता की ओर पहुंचा की नही यह सोचनीय विषय है। योजना कल्याणकारी है। मन के पाप से मैली है। जिसका पाप समय समय,पर अपने आप उजागर हो रहा है। इतिहास बार, बार दोहराया जाता है। जौनपुर मे फिर एक बार नमामि गंगे योजना चर्चा मे है। यह वही योजना है जिसकी वजह से पूर्व सांसद धन्जय सिंह का राजनैतिक सफर ठहर गया। लेकिन जिस मजबूती से आजतक टीवी चैनल को धन्जय ने इन्टरव्यू दिया जो सोशल मीडिया मे वायरल है। नमामि गंगे योजना मे व्याप्त अनियमित्ता की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।बात गंभीर है। तभी न एक पूर्व सांसद किसी योजना के सार्थकता पर संदेह कर रहा है और जाच की मांग कर रहा है। वैसे नमामि गंगे योजना को लेकर देश भर मे हो हल्ला हो चुका है। योजना का उद्देश्य विफल भी हो सकता है सफल भी हो सकता है। दुबिधा बना है। भाजपा के जौनपुर सदस्यता अभियान के पत्रकार वार्ता से निकला नमामि गंगे का भूत, बीस हजार करोड रुपये की देशव्यापी योजना की सार्थकता को लेकर बहस छिड़ गयी है। करप्शन और भाजपा सरकार मे,संभव नही ? जेडी सिंह