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मर्यादित व अनुशासित जीवन जीने मे है मनुष्य की भलाई,पुलिस और लेखपाल की चर्चा जनता मे है खास,बिचौलिओ से है बहुत कुछ आस

जौनपुर। समय की अपनी गति है। सब कुछ सबको दिख रहा है। सत्य और असत्य का मनुष्य को ज्ञान है। झूठ क्या है सच क्या है। सबको परख है। जीवन को जीने मे परम आनंद की अनूभूति और अनुभव हो और शान्त वातावरण मिले। इसके लिए सुकून का वातावरण बनाना होगा। उत्तर प्रदेश पुलिस का कमोबेश प्रयास है शान्ति कायम रहे। अशांति फैलाने वालो पर पुलिस का सख्त नजर है। मनुष्य की हर गतिविधि को पुलिस देख रही है।भाव के समानता और असमानता को परख रही है। न्याय की विचारधारा को बढ़ावा दे रही है। अन्याय को रोकने का भरसक प्रयास कर रही है। पुलिस सेवा पर भी जनता आवाज उठाती रहती है। नैतिकता की जगह कभी, कभार अनैतिकता की भी राह बन जाती है। परिणामस्वरूप जाचोपरान्त विभागीय कार्रवाई भी होती रहती है। अगर देखा जाय मुसीबत का अगर कोई साथी है परिजनो के बाद पुलिस। पुलिस रात दिन मानव सेवा मे लगी है। सत्य की जय कर रही है। असत्य मे सत्य को ढूंढ रही है। बिडम्बनाओ के दौर मे पुलिस अपने मिशन को लेकर तटस्थ है। उसकी सोच, विचारधारा मे मानव हित समाहित है। मड़ियाहू सीओ कार्यालय मे विवेक सिंह से वृहस्पतिवार को दोपहर मे पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा हुई। जिसमे उनसे सवाल किया गया जनसेवा मे पुलिस प्रथम है। जनता से आत्मीय लगाव न बन पाने की वजह क्या है,जबाब मे उन्होंन कहा कि जब पुलिस से लोग निस्वार्थ भाव से जुड़ेगे तभी आत्मीयता बन पायेगी। बताया कि वर्तमान समय मे अधिकांश लोग पुलिस से स्वार्थ मे जुड़ते है। सबका अपना,अपना चक्कर है। लाभ का खेला है। फायदा के लिए कुछ जनता के लोग तो कुछ पुलिस के लोग कायदा बिगाड रहे है। उन्होंन कहा कि पुलिस और जनता मिलकर मानव समाज के बेहतरी के लिए काम करे तो इससे अच्छा कुछ नही हो सकता है। ऐसा भी देखा जा रहा है राजस्व विभाग के कुछ लेखपालो से सहयोगी के रुप मे अनेको लोग जुड़े है। जिनके कार्यो की भी जनता मे चर्चा है। जिसे बिचौलिया कहा जा सकता है। पुलिस महकमे मे भी बिचौलिओ की भरमार है। जिनके कर्तव्य मे महज झोली भरना है। कुछ पुलिस और कुछ लेखपाल से जुड़े बिचौलिए स्वार्थ मे फायदा के लिए कायदा बिगाड रहे है। वैसे अगर देखा जाय तो सरकारी महकमा हो या गैरसरकारी हो बिचौलिओ का अपना वर्चस्व है। लाभ मे ही लोग भला खोज रहे है। लाभ का उल्टा भला होता है। जीवन मे लाभ के लिए किसी का अनभल नही करना चाहिए। मर्यादित और अनुशासित जीवन जीने मे ही मनुष्य की भलाई है। जनमानस के बीच पुलिस और लेखपाल की चर्चा खास है। बिचौलियों से आस है। जेडी सिंह संपादक

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