नई दिल्ली। राजनैतिक अराजकता के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है।देश
का अमूमन लोग अराजकता जैसी गतविधि से परेशान है।गलत कारय करना अराजकता है।राजनैतिक दलों की अपनी, अपनी सोच है। सत्ता प्राप्ति की भूख है।प्रयागराज कुंभ के सफल धार्मिक आयोजन से यूपी और देश का नाम गौरान्वित हुआ है। भाजपा की साक बढ़ी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुंभ स्नान किया।दोबारा जाने की इच्छा हुई योगी जी ने लखनऊ में रोकवा दिया। प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ अन्देशा रहा होगा। सरकार द्वारा रोका जाना अखिलेश को एक जानदार मुद्दा मिल गया। बस इतना ही कहना हाथ मत लगाना। सपा के लोग उग्र हो गये।सड़कों पर उतर आये।सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। पुलिस को लाठियां भाजनी पड़ी। प्रयागराज के बवाल मे सांसद धर्मेन्द्र यादव के घायल होने की बात सामने आयी है।जबकि सपा कार्यकर्ता द्वारा पुलिस को थप्पड़ मारने का वायरल वीडियो से सपा के कुछ लोगों की आराजकता उजागर हुआ है। विपक्ष योगी सरकार द्वारा अखिलेश को प्रयागराज न जाने देने की निन्दा करने मे जुटा है।लोकतंत्र को खतरा बताया। वहीं सपा के कार्यकर्ता द्वारा पुलिस को थप्पड़ मारने की भी जनमानस में निन्दा है। अराजकता हर जगह है।राजनीति का एक रूप अराजकता का भी है।भारत देश में हर जगह राजनीति है। इसलिए अराजकता है।मै भी आराजकता से डरता हूँ।लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक है। आपसी भाईचारे के साथ जीवन यापन करते हुए लोकतंत्र को मजबूत बनाये। मत का दान करे।किसी के दबाव मे नहीं स्वेच्छा से जिस
दल पर जी आये। यह देश की राजनीति है।सोचना आपको है।मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सपा पर आराजकता बढ़ाने का आरोप लगा रहे है। कह रहे है सपा के नेचर मे आराजकता है। वहीं अखिलेश शुभचिंतक योगी को तानाशाह बता रहे है। कांग्रेस की
लखनऊ में हुए रोड़ शो की चर्चा जोर पर था कि अखिलेश के इस सियासी दाव ने सपा को चर्चा में ला दिया। जेडी सिंह
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