जौनपुर। भ्रष्टाचार मुक्त भारत के क्रम मे रामनगर भ्रष्टाचार मुक्त हो गया है। ऐसा जान पड रहा है। उसकी जगह खमीशनखोरी ने ले लिया है।रामनगर ब्लाक परिसर के मंदिर मे लोग बैठकर और चाय पान की दुकान पर कमीशन खोरी की चर्चा अक्सर करते है। कौन देता है कौन लेता है यह तो राम जाने,मनरेगा विकास की पत्रावली मे वित्तीय स्वीकृति किन,किन ग्राम सभाओ मे बहुत ज्यादा है और क्यो है और बहुत से ग्राम सभाओ मे मनरेगा का कार्य न के बराबर है। वजह क्या है कौन स्पष्ट करेगा। जिन,जिन ग्राम सभाओ मे अकूत वित्तीय स्वीकृति है। मेहरबान कौन है। शासन, प्रशासन के लोग जाच भी करते आ रहे है। सब ओके है क्यो ओके है। इस पर सवाल है। विकास के मामले मे मोदी और योगी की सरकार से जनता संतुष्ट है। जिसे नकारा नही जा सकता। कमीशनखोरी के मामले मे जिम्मेदार कौन है लेने वाले या देने वाले। साक्ष्य के अभाव मे आगे कुछ नही कहा जा सकता है। जेडी सिंह