जौनपुर। भारत दर्शन मे संत का जीवन आदर्श है। साकारात्मक उर्जा को बढ़ावा देने वाला है। बात नाम के कमाई का है। संसार जगत मे नामी होने का क्रम चलता आ रहा। पुण्य जब तक है। यश है। खत्म होने पर अपजश है। पाप-पुण्य की धरती पर सबकी अपनी मौज है। लीला है। वर्णन है। ब्रह्माण्ड मे असंख्य आत्माओ का अपना,अपना कर्म है। जनम मरण का बंधन है। भाव ही भगवान है। समर्पण और भरोसा सतगुरु पर रख करके नामदान का श्वास, श्वास पर सिमरन है तो परमात्मा का साक्षी भाव मे दिव्य अनूभूति है। विश्व के रहस्यमयी मानवीय संसारी लीला से हटकर संत जीवन है। तपस्या है। भजन है। सिमरन है। भगवान से एकाकार है। खुद के हस्ती को मिटाकर मस्तानी मौज के निराले और अनोखे संत भी धरती पर है। जिनके यश और कीर्ति का आलोक आज भी चहुदिश व्याप्त है। नाम को भज करके हर हसरत सदिच्छा की पूरी हो सकती है। पावन सोच को लेकर जगत के लोगो के कल्याण के लिए काम करते रहना होगा। हरियाणा के पावन धरती को सतगुरु भक्ति के लिए युगो युगो, से जाना जाता है। पूज्य सावनशाही जी महाराज, पूज्य मस्ताना जी महाराज, पूज्य गुरुबख्श सिंह मैनेजर साहिब जी महाराज, पूज्य बहादुर चंद वकील साहिब जी महाराज आदि संतो के सतगुरु नाम के जाप के प्रताप से गुरुमुखी जीवो का कल्याण हो रहा है। आत्मा से परमात्मा के जुड़ाव का क्रम जुड़ा है। आज भारत सहित देश दुनिया मे करोड़ो भक्त गुरु भक्ति से जुड़कर जीवन को सुगमता प्राप्त कर रहे है। मस्ताना शाह ब्लोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली सिरसा हरियाणा मे परम पूज्य संत बहादुर चंद वकील साहिब से नामदान का बख्शीश मिला। उस वक्त मैनेजर साहिब के चोला छोड़े कुछ महीने हुआ था। वकील साहिब ने नामदान दिया। भजन सिमरन का क्रम चल रहा है। वर्तमान समय मे वीरेंद्र सिंह जी महाराज संत पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए नामदान की बख्शीश लोंगो को दे रहे है। वकील साहिब जी को चोला छोड़े कुछ महीने बीता है। संतो,भक्तो मे पूज्य महाराज जी की छवि हृदयदेश मे विराजमान है। दास जगदीश सतगुरु धाम बर्राह रामनगर जौनपुर उत्तर प्रदेश भारत