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थाइराइड की समस्या से जूझ रहे लोगो का अचूक उपचार

🌻थाइराइड का अचूक उपचार🌻

 

आज के समय में ज़्यादातर लोगों को थाइराइड की समस्या है, इसके कारण सैकड़ों बीमारियां घेर लेती है।

मोटापा इसी के कारण बढ़ जाता है।

लोग दवा खाते रहते हैं लेकिन ये ठीक नही होता।

इसलिए दवा के साथ कुछ नियम जान लें 10 दिन में थाइराइड से आराम मिल जायेगा।

 

✍1: घर से रिफाइंड तेल बिलकुल हटा दीजिये, न सोयाबीन न सूरजमुखी, भोजन के लिए सरसों का तेल, तिल का तेल या देशी घी का प्रयोग करें।

 

✍2: आयोडीन नमक के नाम से बिकने वाला ज़हर बंद करके सेंधा नमक का प्रयोग करें, समुद्री नमक BP, थाइराइड, त्वचा रोग और हार्ट के रोगों को जन्म देता है।

 

✍3: दाल बनाते समय सीधे कुकर में दाल डाल कर सीटी न लगाएं, पहले उसे खुला रखें, जब एक उबाल आ जाये तब दाल से फेना जैसा निकलेगा, उसे किसी चमचे से निकाल कर फेंक दें, फिर सीटी लगा कर दाल पकाएं।

 

*इन तीन उपायों को अगर अपना लिया तो पहले तो किसी को थाइराइड होगा नही और अगर पहले से है तो दवा खा कर 10 दिन में ठीक हो जायेगा।*

 

✍ थाइराइड की दवा:-

 

2 चम्मच गाजर का रस

3 चम्मच खीरे का रस

1 चम्मच पिसी अलसी

 

तीनो को आपस में मिला कर सुबह खाली पेट खा लें।

इसे खाने के आधे घंटे बाद तक कुछ नही खाना है।

 

ये इलाज़ रोज सुबह खाली पेट कर लें 7 दिन में परिणाम देख लें।

🌷 *घर पर ENO बनाये*🌷

सामग्री — 100 ग्राम ENO बनाने के लिए

1—40 ग्राम नीबू सत्व

2—-55 ग्राम  खाने वाला  सोडा

3—–05 ग्राम सेंधा नमक

सभी सामग्री को अच्छे से मिलाकर airtight कांच की बोतल में भरकर रखे।

प्रयोग —-

एक गिलास पानी में 3-4 ग्राम  डाल कर अच्छे से मिलाए । बिलकुल ENO जैसा बन जायेगा ।

ये साम्रगी किराणे की दुकान पर मिल जायेगी ।

कुल 8 से 10 ₹ में 100 ग्राम ENO तैयार हो जाएगा, जबकि  Eno का पेकेट 5gm 7 rs.मे आता है।

 

🌻 *सफ़ेद दाग (ल्युकोडर्मा)* 🌻

 

गौमूत्र                 100 ग्राम

नीम के पत्ते          100 ग्राम

गाय के गोबर का रस      100 ग्राम

बावची चूर्ण           100 ग्राम

 

सभी को मिला कर पेस्ट बना लें, किसी भी प्रकार के चर्म रोग, सोराइसिस, सफ़ेद दाग में इसे लगाने से बहुत जल्द फायदा मिलता है।

 

🌻 *उच्च रक्तचाप (High BP)*🌻

 

जिन मरीजों को रोज BP की दवा खानी पड़ती है उनके लिए एक अचूक हथियार है।

 

*200 ग्राम बड़ी इलायची ले कर तवे पर भूने, इतना भूनना है कि इलायची जल कर राख हो जाये, इस राख को पीस कर किसी डिब्बी में भर लें, सुबह खाली पेट और शाम को भोजन से 1 घंटा पहले 5 ग्राम राख को 2 चम्मच शहद में मिला कर खा लें*।

 

नियमित 15-20 दिन इस उपचार को करने के बाद आपको BP की किसी दवा को खाने की ज़रूरत नही पड़ेगी।

 

फ्रीज़ किए गए नींबू के आश्चर्यजनक परिणाम

 

सबसे पहले नींबू को धोकर फ्रीज़र में रखिए

८ से १० घंटे बाद वह बर्फ़ जैसा ठंडा तथा कड़ा हो जाएगा

अब उपयोग मे लाने के लिए उसे कद्दूकस कर लें

इसे आप जो भी खाएँ उस पर डाल कर इसे खा सकते हैं

इससे खाद्य पदार्थ में एक अलग ही टेस्ट आऐगा

नीबू के रस में विटामिन सी होता है। ये आप जानते हैं,आइये देखें इसके और क्या-क्या फायदे हैं

 

🍋नीबू के छिलके में ५ से १० गुना अधिक विटामिन सी होता है और वही हम फेंक देते हैं

 

🍋नींबू के छिलके में शरीर कॆ सभी विषेले द्रव्यों को बाहर निकालने की क्षमता होती है

 

🍋नींबू का छिलका कैंसर का नाश करता है , इसका छिलका कैमोथेरेपी से १०,००० गुना ज्यादा प्रभावी है

 

🍋यह बैक्टेरियल इन्फेक्शन, फंगस आदि पर भी प्रभावी है

 

🍋नींबू का रस विशेषत: छिलका,  रक्तदाब तथा मानसिक दबाव को नियंत्रित करता है

 

🍋नींबू का छिलका १२ से ज्यादा प्रकार के कैंसर में पूर्ण प्रभावी है और वो भी बिना किसी साईड इफेक्ट के

 

🍋इसलिये आप अच्छे पके हुए तथा स्वच्छ नींबू फ्रीज़र में रखें और कद्दूकस कर प्रतिदिन अपने आहार के साथ प्रयोग करें

 

चीनी एक जहर है जो अनेक रोगों का कारण है, जानिये कैसे…

 

(1)– चीनी बनाने की प्रक्रिया में गंधक का सबसे अधिक प्रयोग होता है । गंधक माने पटाखों का मसाला

 

(2)– गंधक अत्यंत कठोर धातु है जो शरीर मेँ चला तो जाता है परंतु बाहर नहीँ निकलता ।

 

(3)– चीनी कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है जिसके कारण हृदयघात या हार्ट अटैक आता है ।

 

(4)– चीनी शरीर के वजन को अनियन्त्रित कर देती है जिसके कारण मोटापा होता है ।

 

(5)– चीनी रक्तचाप या ब्लड प्रैशर को बढ़ाती है ।

 

(6)– चीनी ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण है ।

 

(7)– चीनी की मिठास को आधुनिक चिकित्सा मेँ सूक्रोज़ कहते हैँ जो इंसान और जानवर दोनो पचा नहीँ पाते ।

 

(8)– चीनी बनाने की प्रक्रिया मेँ तेइस हानिकारक रसायनोँ का प्रयोग किया जाता है ।

 

(9)– चीनी डाइबिटीज़ का एक प्रमुख कारण है ।

 

(10)– चीनी पेट की जलन का एक प्रमुख कारण है ।

 

(11)– चीनी शरीर मे ट्राइ ग्लिसराइड को बढ़ाती है ।

 

(12)– चीनी पेरेलिसिस अटैक या लकवा होने का एक प्रमुख कारण है।

 

(13) चीनी बनाने की सबसे पहली मिल अंग्रेजो ने 1868 मेँ लगाई थी ।उसके पहले भारतवासी शुद्ध देशी गुड़ खाते थे और कभी बीमार नहीँ पड़ते थे ।

 

(14) कृपया जितना हो सके, चीनी से गुड़ पे आएँ ।

अच्छी बातें, अच्छे लोगों, अपने मित्र , रिश्तेदार में अवश्य शेयर करें।

  • शीतला दूबे

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