जौनपुर -देव लोक के स्वामी नारद भगवान आज भी सत्यगामी बनकर सत्य बचन का प्रसार कर रहे है। उनकी वाणी सबको प्रिय है। हर लोक मेउनका आना जाना लगा रहता है। बात खरी ,खरी कहते है।निडर है। लेकिन सिर्फ ईश्वरीय सता से डरते है। देवर्षि नारद जयंती समारोह समिति की तरफ से आदि पत्रकार देवर्षि नारद जयंती पर पत्रकार सम्मान एवं नव भारत के निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका विषय पर गोष्ठी का आयोजन नगर के टीडी कालेज स्थित बलरामपुर सभागार में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ बालमुकुंद व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र द्वारा मुझे भी सम्मान प्रदान किया गया। पत्रकार राजन सहित अन्य पत्रकार सम्मानित किये गये।अवसर नारद जयन्ती का था। भगवान नारद भगवान विचरण करते थे।वे किधर भी जा सकते थे। कोई रोक टोक नहीं था। आज भी नहीं है। नारद की अपनी एक नजरिया थी। न्याय, अन्याय का मूल्यांकन था। न्याय के पक्षधर थे। आज का पत्रकार भी कुछ वैसा है। नारद के समय की अलग पत्रकारिता थी। असुरों पर आक्रमण था। न्याय के स्थापना का प्रयास था। आज भी पत्रकारिता की दमदारी है। सत्य छिपाया जा रहा है। असत्य को बढ़ावा है।पत्रकार सत्य की खोज मे जुटा है। खतरों से खेलते हुए धरती के हर जीव को समत्व के भाव से देख रहा है। नव चेतना का संचार पत्रकारिता से हो रहा है।जिससे भारत के नवनिर्माण मे मदद मिल रही है।भूमिका के रहस्य मे वदलाव प्रकृति का नियम है। जेडीसिंह सिंह,संपादक सतगुरु दर्पण जौनपुर