Home / खबर विशेष / दब सी गयी पत्रकारिता, यदि खोजी खबर लिखा जाय तो जान से हाथ धोना पड़ सकता है, भ्रष्टाचार चरम पर है, यदि पवित्र मिशन का पत्रकार, पत्रकारिता करना शुरु कर दे तो, भ्रष्टाचार काफी कम हो सकता है लेकिन सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा
दब सी गयी पत्रकारिता, यदि खोजी खबर लिखा जाय तो जान से हाथ धोना पड़ सकता है, भ्रष्टाचार चरम पर है, यदि पवित्र मिशन का पत्रकार, पत्रकारिता करना शुरु कर दे तो, भ्रष्टाचार काफी कम हो सकता है लेकिन सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा
जौनपुर । दब सी गयी पत्रकारिता, खोजी खबर यदि लिखी जाय तो जीना दुश्वार हो जायेगा। तमाम अनैतिक कार्य हो रहे है लेकिन आवाज उठ नही रही है। कोई आवाज उठाने की कोशिश करता भी है तो उसे अन्जाम भुगतना पड़ सकता है। पहले खबर लिखी जाती थी।खबर का असर होता था।प्रशासनिक अमला सक्रिय होता था।अब वह बात नही रही। गांव हो या शहर पत्रकारिता क्षेत्र मे गिरावट देखी जा रही है। पवित्र मिशन काफी बदनाम हो चुका है। जो मिशन के सच्चे सिपाही है, अपनी कलम की धार से समाज को, राष्ट्र को, सही दिशा दे रहे है।अच्छाई,बुराई का बोध करा रहे है। पुलिस और पत्रकार का चोली और दामन का साथ होता है।मिशन भी लगभग वहीं है सत्य की खोज।न्याय दिलाना। समाज मे शांति का अलख लगाना। पुलिस भी काफी बदल चुकी है। सच्चे पत्रकार और सच्चाई का साथ नही देती है।अब पुलिस मे तथाकथित पत्रकारों का जलवा है। मुझे जो कहीं न कहीं से जानकारी हुई है। ये तथाकथित पत्रकार पुलिस मुखबीर भी है और तमाम मामलों मे विचौलियें का भी काम करते है।शायद इसलिए पत्रकार, अखबार की अहिमियत घट रही है। यदि किसी पत्रकार के साथ कोई घटना घट जाती है तो उसका साथ न ही नेता देते है न ही पुलिस।एक बात यह है कि यदि कोई निष्पक्ष पत्रकारिता करना भी चाहता है तो उसके जान को खतरा है। पहले चाहे जिस राजनैतिक दल के खिलाफ खबर लिखी जाती थी तो कोई परेशानी नही होती थी।यदि भाटगिरि लिखीए,चापलूसी लिखिएं तो लोग खुश होते है।थोडी़ निष्पक्षता दिखाने की कोशिश किये तो किसी न किसी साजिश के शिकार हो सकते है।भ्रष्टाचार चरम पर है।मिशन के तहत पत्रकार यदि पत्रकारिता कर दे तो भ्रष्टाचार मे काफी कमी आ सकती है। लेकिन पत्रकार की सुरक्षा का गारन्टी कौन लेगा। जगदीश सिंह, जेडी संपादक सतगुरु दर्पण सतगुरु धाम जौनपुर