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एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई है, बड़ी मेहनत के बाद मैने सरकारी अध्यापक की नौकरी पायी है

*श्रीप्रकाश सिंह(प्र.अ.) प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूँ प्रथम रामनगर जौनपुर*
🚇मड़ियाहू। जौनपुर। बड़ी मेहनत के बाद मैंने *अध्यापक की सरकारी* नौकरी पायी है,
नौकरी में आया तो जाना, यहाँ एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई है।
🚇*जहाँ कदम कदम पर ज़िल्लत, और घड़ी घड़ी पर ताने हैं*
यहाँ मुझे अपनी ज़िन्दगी के कई साल बिताने हैं।
🚇अपनी गलती ना हो लेकिन क्षमा याचना हेतु हाथ फैलाने हैं.
फ़िर भी छोटी -छोटी बात का  स्पष्टीकरण देना है।
🚇जानता हूँ ये ‘अग्निपथ’ है, फिर भी मैं चलने वाला हूँ,
क्योंकि मैं सरकारी नौकरी वाला हूँ।
🚇जहाँ एक तरफ मुझेBSA,BEO की, और दूसरी तरफ family वालो की भी सुननी है,
यानी मुझे दो में से एक नहीं, बल्कि दोनों राह चुननी हैं।
🚇ड्यूटी अगर लेट हुयी तो BSA,BEOको स्पष्टीकरण देना ही हैं।
गलती चाहे किसी की भी हो सजा तो हम अध्यापक ही पाते हैं.
🚇दो नावों पे सवार हूँ फिर भी सफ़र पूरा करने वाला हूँ,
क्योंकि मैं सरकारी नौकरी वाला हूँ।
🚇आसान नहीं है सबको एक साथ खुश रख पाना,
परिवार के साथ वक़्त बिताना, और विद्यालय समय से जाकर job बचाना।
🚇परिवार के साथ बमुश्किल कुछ वक़्त ही बिता पाता हूँ,
घर जैसे कोई मुसाफिर खाना हो, वहां तो बस आता और जाता हूँ।
🚇फिर भी हर मोड़ पर मैं अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने वाला हूँ,
क्योंकि मैं सरकारी नौकरी वाला हूँ
🚇Promotion, की बात पर, हमें सालो लटकाया जाता है,
हक़ की बात करने पर ठेंगा दिखलाया जाता है।
🚇ये एक लड़ाई है, इसमें सबको साथ लेकर चलने वाला हूँ,
क्योंकि मै सरकारी नौकरी वाला  हूँ।
छुट्टी मिली ना घर जा सके, Duty में ही ईद-दिवाली-क्रिसमस मनाने का अजब कमाल है।
बच्चों को जूता,मोजा,स्वेटर,ड्रेस,भोजन का प्रबन्ध करना अपनी नैतिक जिमेदारी हैं।
विद्यालय के बनाये खाने में, और घर के खाने में फ़र्क़ साफ़ नज़र आता है।पर कर भी क्या सकते हैं।यह एक सरकारी व्यवस्था है।
🚇मजबूरी ने इतना कुछ सिखाया, आगे भी बहुत कुछ सीखने वाला हूँ,
क्योंकि मैं सरकारी नौकरी वाला हूँ।
🚇 कईलोग समझते है कि बड़ा मजा करते है,सरकारी नौकरी में
🚇 अब उन्हें कौन समझाए कि सरकारी अध्यापक के लिए के पास कुछ नहीं सिर्फ नैतिकता है,
BSA,BEOचाहे मनमानी करे, अध्यापक के लिए बड़े सख्त कायदे बनाते हैं।
🚇 सबको मैं बदल नहीं सकता, इसलिए अब ख़ुद को बदलने वाला हूँ,
क्योंकि मैं  सरकारी नौकरी  वाला हूँ।
(ये कविता मेरे समस्त सरकारी अध्यापकों को समर्पित है।
*श्रीप्रकाश सिंंह*🙏🌹🍀🌸☔

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