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धर्म के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण, यूपी के मुख्यमंत्री द्वारा हनुमान को दलित कहना लोगों को लगा नागवार, मोदी हो सकते है दोबारा प्रधानमंत्री, सत्ता के मद मे चूर कुछ लोग भाजपा की साख को लगा रहे वाट

जौनपुर। धर्म के नाम पर वोटों के ध्रुवीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। राममंदिर का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी का बहुत पुराना है। राम नाम का शोर कर भाजपा रामभक्तों को महज वोट खातिर अपने ओर आकर्षित करने का काम कर रही है। राम मे भाजपा की आस्था कम होती जा रही है। अयोध्या मे राममंदिर न बनना, जीएसटी, एससीएसटी, से भाजपा के मूल मतदाता काफी संख्या मे नाराज है। हाल ही मे कई राज्यों मे हुए विधानसभा चुनाव मे भाजपा की हार उसके लोगों के नाराजगी की वजह से हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राम भक्त हनुमान को दलित कहना बहुतों को नागवार लगा है। प्रदेश मे अराजकता, भ्रष्टाचार, तानाशाही, गुन्डागर्दी चरम पर है। सत्ता के अहंकार मे बहुतों चूर है। वे अलग से अपनी सरकार चला रहे है। पुलिस दबाव मे अपने फर्जे को भूल रही है। मिशन लाचार दिख रहा है। 2019 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है।सियासत गरम है। देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा बहस तेज है। गांव. गिराव,खेत. खलिहान, ब्लाक, तहसील, जिला, शहर बनारस मे आमजन मे चर्चा है। अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। तमाम चर्चा के बाद लोग निष्कर्ष पर आते है मोदी भारत देश के दोबारा प्रधानमंत्री बने तो देश की उन्नति मे चार चांद लग सकता। बहुत से नेक कार्यों की सराहना है। भारत का सर कहीं न कहीं से उचा हुआ है। काग्रेंस के राहुल गांधी प्रधानमंत्री बने के सवाल पर लोग कहते है योग्य नहीं है। जबकि यह कहते है इनके अलावा और कोई चेहरा काग्रेंस लाये तो भाजपा की मुश्किल बढ़ सकती है। उत्तर प्रदेश मे सपा. बसपा का लोकसभा चुनाव मे गठबंधन के आसार बन रहे है। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा का केन्द्र मे दोबारा सरकार बनना आसान नही होगा। भाजपा का संगठन बेहद मजबूत है। कार्यकर्ता जी जान से मिशन 2019 को सफल बनाने मे जुटे है।पदयात्रा के माध्यम से जन.जन से जुड़कर सरकार की उपलब्धि को बताये। मतदाताओं के नब्ज को टटोले, कार्यकर्ताओं को खरी खोटी भी सुननी पड़ी। फसलों की बर्बादी, जीएससटी,एससीएसटी, राममंदिर मुद्दा, भ्रष्टाचार, अराजकता, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को लेकर मतदाताओं ने तमाम सवाल किये। कार्यकर्ता माकूल जबाब भी दिये। भाजपा मे तरह .तरह की गुटबाजी देखने को मिल रही है। बहुतों कार्यकर्ता उपेक्षित है तो कुछ का जलवा कायम है। लेकिन दुखद है कि अनैतिक कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है। आर्थिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना से लोग सहमे है। सत्ता चाहे जिसकी हो मानवता और इंसानियत का ख्याल रखना चाहिए, सत्ता का दुरुपयोग न हो ऐसा प्रयास रहे। भाईचारा, अपनापन का भाव सत्ता की पहचान बने। नफरत की बू. दूर .दूर तक न रहे। हंसी. खुशी का जमाना हो। जेडीसिंह संपादक सतगुरु दर्पण

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