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रस पी ले बन्दे तू राम नाम का,ये धन और दौलत किस काम का,परमहंस आश्रम हथेरा में श्रद्धा बाबा की रामकथा, लोग मोक्ष की ओर, बीज का नाश नहीं होता, राम रस जिसने पी ली उसकी जिन्दगी परमधाम यात्रा की ओर चल पडी

जौनपुर। राम सत्य हैं। नित्य हैं।विश्व व्यापी हैं।उनकी हर जगह चर्चा हैं।वह सबका नियन्ता हैं। धरती के हर जीव पर उसकी दाया और माया हैं। वह सबका भला करता है। राम विश्व मे शान्ति चाहते हैं।रावण उत्पात मचाये हुए हैं। शैतानी ताकते विश्व में हावी हो रही हैं। इनको कुचलपाना बहुत आसान नही हैं।धर्मयुद्ध होने की प्रबल संभावना है। मजहबी आरजकता, राजनैतिक अराजकता से विश्व समुदाय पर संकट के बादल मडरा रहे है,न जाने कब विश्व युद्ध छिड जाय, राम नाम सत्य हैं।दुनिया के हर लोगों की अपनी अपनी गत हैं, अगत हैं, सबका अपना . अपना उतारा है। मडि़याहू तहसील के जमालापुर, बाबतपुर मार्ग स्थित रामजानकी मंदिर अब परमहंस आश्रम हथेरा के रुप मे जाना जा रहा हैं।क्षेत्र के लोगों की आस्था बढ़ गयी हैं। सुबह शाम ओम जय गुरदेवम्  जयगुरुदेव की आरती भक्ति के भाव  को बढा़ रही है। कभी रामजानकी मंदिर के राम उदास थे।हथेरा गांव के जयप्रकाश सिंह के पूर्वज के दिल में रामजानकी मंदिर बनवाने का भाव आया। भगवान की कृपा बनी।भव्य मंदिर बना, रामजानकी सुशोभित होकर आस्था बन गये। पूजा पाठ होता रहा।अचानक विरानगी छा गयी। आरती पूजा होता रहा।लोगों की आस्था राम से हट गयी थी। मै उधर गया,नवनीत सिंह मुझे ले गया।बच्चों को वहीं पढ़ा रहा था।मंदिर में गया भगवान को प्रणाम किया।जयप्रकाश सिंह मंदिर को दान देने का मन बना लिये थे। इस बीच श्रद्धा बाबा पटना के बख्तियारपुर रानीसराय परमहंस आश्रम से बर्राह पुल आश्रम आये और गीता पाठ का आयोजन हुआ। महराज जी के शिष्यों, भक्तों का जमघट रहा।भन्डारा हुआ लोग प्रसाद पा कर धन्य हूए श्रद्धा बाबा विचरण करते हूए कुत्तुपुर गांव पहुंचे।जहां पत्रकार सोनू व राहुल के घर पहुंचे बाबा का लोग दर्शन किये और सम्मान कर भावपूर्ण विदाई किये। बाबा हथेरा रामजानकी मंदिर पर आये और  धुनि रमाए,हरिगुन गुनगुनाने लगे। राम जाग गये। जयप्रकाश सिंह स्टाम्प पेपर पर लिखकर रामजानकी मंदिर को श्रद्धा बाबा को दान कर दिये।जिसमें संकल्प हैं, श्रद्धा बाबा जब तक धरती पर हैं राम के भाव जगाऐ रहें। साधना चलता रहे,क्रम न टूटे,बाबा की आस्था बनी रहे। आगे भी बाबा के भक्त भजन भाव,सिमरन से इस मिट्टी की पवित्रता को बनाए रंखे। हालांकि बाबा ने परमहंस आश्रम हथेरा का नामकरण किया।गांव के सहयोग से चन्द दिनों मे बाबा ने मंदिर की तस्वीर बदल दी।जिसकी सर्वत्र चर्चा हैं। नवरात्र के अवसर पर वर्तमान समय मे रामकथा चल रहा हैं।श्रद्धा बाबा पापी मन को  राम कथा सुनाकर निर्मल कर रहे हैं।कथा सुनने के लिए भक्तों की भीड उमड रही हैं। राम कृपा से राम की चर्चा हैं।बीज का नाश नहीं होता। हथेरा गांव के पूर्वज ने राम नाम का बीज बोया।जागृति की अवस्था बनी। राम की चर्चा शुरु हैं जिसका अन्त नहीं हैं।हथेरा गांव के लोगों की मोक्ष की यात्रा शुरु हो गयी हैं। परमात्मा एक हैं।  धर्म बदलता नहीं। सत्य की खोज हर धर्म का मूल हैं। जीवन मे राम रस घोल लो, मन के पाप को धो लो। हथेरा गांव से जेडीसिंह के साथ प्रदीप मिश्र की रिपोर्ट। हर हर महादेव

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