BREAKING NEWS- देशभर में धूमधाम से मनाया गया नागपंचमी का त्योहार,श्री लौहार देव के दर्शन को उमड़ी भीड़, बंशजो ने सड़क दुघर्टना में गंभीर रुप से घायल सतगुरु दर्पण के संपादक जेडी सिंह को देखने पहुंचे पार्थ हास्पीटल जौनपुर, जल्द स्वस्थ होने का किया कामना,चाय की जगह दूध पिलाने की बात पर बोले नाग का वंशज हूं दूध पिलाइये,कहानी रोचक है पढ़िये
- जौनपुर पुलिस को चोरों की चुनौती,तेजी बाजार थाने के खुन्शापुर में लाखों की चोरी,दुर्गा देवी मंदिर से दो दर्जन पीतल का घण्टा उठा ले गये चोर, ग्रामीणो में दहशत
- सावन के पवित्र महीने मे भोले नाथ मोदी योगी अमितशाह से है बेहद नाराज,आयुष्मान कार्ड में भेदभाव,6 परिवार के राशनकार्ड धारकों को उपचार में लाभ,पांच परिवार वालो की उपेक्षा, देश एक,चरित्र दो,सतगुरु दर्पण के संपादक की टगरी तोड़ आयुष्मान कार्ड में समानता लाने पर जोर,हर हर महादेव
- एडीओ पंचायत रामनगर ने कहा क्या खबर लिख दिये,दृष्टि रखिये,कुदृष्टि नही,अस्त-व्यस्त मुख्यालय भवन को हाई लाइट करना लग रहा नागवार
- नैतिकता,न्याय और समानता के सिद्धांतों को देती है बढ़ावा,नैतिक मूल्यों के अपनाने से व्यक्ति का बढ़ता है आत्मबल,खण्ड विकास अधिकारी रामनगर रेनू चौधरी
- क्षेत्र पंचायत का सीतम, रामनगर ब्लॉक मुख्यालय अस्त-व्यस्त,खण्डहर मे तब्दील भवन लग रहा भूतखाना,असली स्वरूप में आने की आस
- पंचायत चुनाव की आहट, चाहत बार-बार सत्ता सुख की,राजनीति ने लिया व्यापार का रुप,बिकने से नैतिक मूल्यों मे गिरावट, बाबा लुट्टुर दास भाजपा वरिष्ठ नेता
- जनता के बीच कयास, जो धनवान और बलवान होगा वही रामनगर ब्लॉक का अगला प्रमुख बनेगा,ऐसी है प्रबल संभावना,पंचायत चुनाव को लेकर चर्चा शुरु
- क्षेत्र पंचायत की वजह से रामनगर ब्लॉक मुख्यालय अपने दयनीय दशा पर आंसू बहा रहा,प्रमुख बतायेंगे कब तक हो जायेगा छत का निर्माण,एडीओ पंचायत
- पंचायत चुनाव की आहट, वर्तमान प्रधान सत्ता बनी रहे के लिए बिछानी शुरू किये बिसात,रामनगर के ग्राम सभाओं मे चुनावी सरगर्मी तेज,प्रशासन चुनावी औपचारिकताओं को पूर्ण करने मे जुटा
Home /
खबर विशेष /
असतित्व उनकी सुरक्षा करता है जो सत्य की खोज मे है,धीरे धीरे तुम्हें दिखेगा कि तुम गिर नही सकते असतित्व उनकी सुरक्षा करता है जो सत्य की खोज मे है,धीरे धीरे तुम्हें दिखेगा कि तुम गिर नही सकते
तुम्हें एक और बहुत ऊँचे नियम का पता नहीं कि अस्तित्व उनकी सुरक्षा करता है जो सत्य की खोज में हैं।
धीरे-धीरे तुम्हें दिखेगा कि तुम गिर नहीं सकते;
अस्तित्व उसकी अनुमति नहीं देगा।
अस्तित्व विवेक रहित नहीं हैं।
तुम एक ऐसे अस्तित्व में नहीं जी रहे हो जिसके पास विवेक नहीं हैं।
यह शुद्ध विवेक है जिससे अस्तित्व बना है।
प्रेम कहो इसे,
मौन कहो इसे,
शून्यता कहो इसे ,
लेकिन हर चीज में स्मरण रहे अस्तित्व का अपरिसीम विवेक उपस्थित है।
और
एक बार तुमने श्रद्धा की कला सीख ली कि तुम समस्त भयों के पार हो।
और
जब मैं यह कह रहा हूँ कि यह निपट गारन्टी है,मैं इसे अपने अनुभव से कह रहा हूँ।
मैं इन्हीं भयों से गुजरा हूँ।
और
जैसे ही मैं एक ख़ास सुरक्षा के प्रति सजग हुआ जो मुझे चारों ओर से घेरे हुए है,
मैं विश्रांत हो गया।
फिर मैं इस तलवार की धार पर,इस संकीर्णतम संभव मार्ग पर आँखें मूंद कर बढ़ सका।
दरअसल,
अधिकांश लोग जो पँहुचे हैं,बन्द आँखों से ही पहुँचे हैं।अंतिम तल पर श्रद्धा इतनी गहन हो जाती है कि कौन फ़िक्र करता है इधर-उधर देखने की।
आँखें अपने आप बन्द हो जाती हैं,
रंगबहादुर सिंह
|| ओशो ||
Related
2018-05-23