जौनपुर। भारत देश का किसान पीड़ा मे है। लागत मूल्य भी कभी.कभी प्रकृति लील जाती है। यह कह लीजिए खेती घाटे का सौदा है। नीलगाय, साड़.गाय,चीरई.चीरोमन,शाही आदि भगवान के जीव फसल को नुकसान पहुंचा रहे। पीडा़ से किसान आजिज होकर खेती से मोहभंग करने की ओर है। कभी खाद.बीज का अभाव तो कभी पानी, कभी आधी. तूफान से भी फसलें बर्बाद होने की खबर है। किसान करे तो क्या करें। देशभर के किसान आंदोलनरत है। समय. समय पर आवाज बुलंद कर रहे है। केन्द्र और राज्य की सरकार को किसानों के हित की चिंता है। बहुत सी योजनाएं है। कुछ किसानों को लाभ मिल पाता है तो कुछ बंचित रह जाते है। भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सरदार सिंह से जब इस सिलसिले मे बात हुई तो उन्होंने माना किसान दुखी है। श्रमिक का अभाव हो गया है। उपज का लागत मूल्य नहीं मिल पा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को किसानों के हित की चिन्ता है। किसानों की आय कैसे दोगुनी हो इसके लिए प्रभावी कदम उठाये गये है।भ्रष्टाचार के सवाल पर बोले किस रावण की बात करु,किस लंका मे आग लगाउ,घर. घर लंका दर.दर रावण इतने राम कहां से लाउ। कहने का मतलब भ्रष्टाचार रुपी समस्या है। जिसके समाधान के लिए हर किसी को चिन्तन करने की जरुरत है। जेडीसिंह