BREAKING NEWS
Home / खबर विशेष / भाव से भगवान जैसी सोच वैसी अनूभूति,जीवन तभी सुगम और सफल है जब मन निर्मल है

भाव से भगवान जैसी सोच वैसी अनूभूति,जीवन तभी सुगम और सफल है जब मन निर्मल है

कुंभनगरी। प्रयागराज। यथार्थ गीता कैम्प में नित्य शक्तेगढ़ मिर्जापुर उत्तर प्रदेश के पूज्य संत स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का प्रवचन चल रहा है।  भक्तों के बीच महाराज जी पावन संदेश के माध्यम से मन के बिकार को दूर करने की बात कह रहे है। साथ ही यह भी कह रहे कि जैसे मनुष्य किराये के घर मे रहता है। रोज झाडू लगाकर घर को साफ करता है। लेकिन जब घर का मालिक कहता है घर खाली कर दीजिए तो उसे खाली करना पड़ता है। वैसे ही शरीर भी किराये का घर है। जिसे स्वच्छ रखना चाहिए। कब खाली हो जाय कोई भरोसा नहीं। ऐसे मे पल. पल रामनाम के सहारे जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए।   जब मन स्वच्छ रहेगा तो कोई किसी प्रकार का बिकार नही आयेगा। जीवन तभी सुगम और सफल है जब हमारा मन निर्मल हैं। दैवीय संपदा की बहुलता से ही मन एकाग्र और शांत होगा।आसुरी संपदा विनाशकारी है. जिससे बचने के लिए राम अथवा ओम का जाप जरुरी है। अमृतरस का पान करना है तो सतगुरु शरण मे नित्य भजन का अभ्यास करना होगा। मनुष्य के अन्दर सबकुछ विराजमान है वशर्ते वह खुद को जानने की कोशिश करे। भाव से भगवान है। जैसी सोच वैसी अनूभूति। कुंभ में स्थित यथार्थ गीता कैम्प मे भक्तों का आना. जाना लगा है। संत दर्शन कर भक्तजन प्रसन्न  है। कैम्प में बच्चा महाराज, भावानंद जी,संतोष महाराज, निर्मल महाराज, तानसेन महाराज, गिरि महाराज, सूरदास महाराज, पप्पू बाबा, शोहम महाराज, कौशल महाराज, लाले महाराज, पूर्णानंद महाराज, व्यासानंद महाराज आदि लोगों की उपस्थिति निरन्तर बनी हुई है।

About jaizindaram