मड़ियाहू। जौनपुर। कृष्ण भक्ति की धारा राजापुर नम्बर दो में बह रही थी।संगीत की मधुर,मधुर बेला में भक्तजन आनंद स्वरुप को प्राप्त थे।प्रमोदानंद महाराज भगवान की महिमा का गुणगान कर रहे थे।भाव ऐसा था उपस्थित जन ईश्वर की अनुभूति में ओत-प्रोत दिख रहे थे।महाराज और भजन मंडली के श्रीमुख से दया के सागर है करुणा के सागर है श्याम जी की जयजयकार शब्द रुपी कीर्तन दिल को शांति और सुकून दे रहा था।कैसे आऊ मैं कन्हैया बड़ी दूर नगरी। इस भजन की प्रस्तुति ने आत्मा और परमात्मा की दूरी को रेखांकित किया। प्रमोदानंद महाराज भक्तों के बीच शुक्रवार शाम अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि परमात्मा से जुड़ाव सतसंग के माध्यम से संभव है। कहां कि सतसंग में जाना चाहिए। भगवान की लीला के वर्णन को सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है।मन का मैल साफ होता है।विचार और भाव निर्मल होता है। आपसी भाईचारा बढ़ता है। उन्होंने कहां कि भक्ति में झूठ नहीं बोलना चाहिए। कहां कि वर्तमान समय में झूठ बोलने वालों की संख्या बढ़ गयी है। सत्य बोलने वाले परेशान है। रामकिकर दूबे के यहां आयोजित श्री मद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमती जडावती देवी,राजकुमार दुबे,विजेन्द्र दुबे,देवेन्द्र दुबे,आचार्य गौरव जी,नागेश जी,अनिल जी,महेन्द्र प्रसाद दीक्षित,तीर्थराज शुक्ल,हौसिला प्रसाद दुबे,रामेश्वर प्रसाद, केदारनाथ दुबे,छोटे लाल दूबे सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे। जेडी सिंह,राजेन्द्र दुबे