अयोध्या। राम मंदिर बनना है।समय कुछ ऐसा दिख रहा है। शिवसेना की राम भक्ति से ऐसा लगने लगा है कि वह दिन दूर नहीं बहुत नजदीक है जब अयोध्या मे भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। मंदिर निर्माण को लेकर साधु संत समय,समय पर आवाज उठाते रहे है।जिस राम के नाम का माला जपकर भाजपा इतने शीर्ष पर पहुंची है।वह भी चाहती है अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। शिव भक्त राम भक्तों को बार,बार आगाह कर रहे है मंदिर निर्माण में सक्रियता दिखाई जाय। भाजपा की उत्तर प्रदेश में सरकार है योगी आदित्य नाथ मुख्यमंत्री है।केन्द्र में भी भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री है। इधर शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे रविवार को अयोध्या में अपने परिवार और सांसदों संग राम लला का दर्शन किये। लोकसभा चुनाव के पहले भी शिवसेना प्रमुख रामलला के दर्शन किये थे। चुनाव बाद भी दर्शन करने आये। किसी भी राजनैतिक पार्टी की अपनी कुछ हट कर सोच होती है।कहीं न कहीं से देखा जाय तो शिवसेना राम मंदिर मुद्दे पर भाजपा को घेर रही है। महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना गठबंधन की सरकार है।वैसे भी हिन्दूतत्व के मुद्दे पर शिवसेना पहले से ही संख्त रुख अख्तियार करती आ रही है।अयोध्या और महाराष्ट्र का राम के समय से लगाव है।वनवास के समय भगवान राम महाराष्ट्र के जंगलों में काफी समय व्यतीत किये है।शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे हिन्दूवादी नेता थे।उनकी इच्छा रही अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हो। मीडिया से बातचीत में उद्धव ठाकरे ने कहां कि अयोध्या में बार,बार आने की इच्छा होती है।उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का सपना साकार होगा।अयोध्या में राम मंदिर बनकर रहेगा। मीडिया के लोग भाजपा के रुख और मंदिर निर्माण पर हो रही देरी पर सवाल किया।जिसका उद्धव ने वेवाकी से जबाब देते हुए मराठी कहावत कहीं और कहां कि शुभ कार्य है।शुभ सोच रखिये। देखिए अयोध्या में राममंदिर बनना कब शुरु होता है।मंदिर मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना करीब,करीब आमने सामने हैं।इधर राम मंदिर का विवाद उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।न्याय मंदिर के फैसले से ही मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो सकता है।आगे क्या होगा राम जाने।इतना जरुर है भाजपा के लिए राम मंदिर का निर्माण बहुत बड़ी चुनौती है। आदित्य ठाकरे, राजन विचारे,संजय राउत,सहित अन्य सांसद गण और शिवसेना के पदाधिकारी उद्धव ठाकरे के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन किये। जगदीश सिंह संपादक सतगुरु दर्पण,जय जिन्दाराम