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अपराधीओ का महिमामंडन,जयकारा,खातिरदारी मे न जाने कितने मानिंद सर झुकाये खड़े है,स्वाभिमानी मतदाताओ की वजह से लोकतंत्र जिन्दा,वोट बिकने की भी सर्वसमाज मे होती है चर्चा

जौनपुर। माफियाओ का आर्थिक साम्राज्य निरन्तर बढ़ रहा है।जिसके बलबूते वोट तन्त्र को नोट तन्त्र मे तब्दील करके मनचाही मुराद पूरा कर रहे है। कुछ जनता कुछ न कुछ प्राप्त करके अपना वेशकीमती वोट धनबल के पक्ष मे आसानी से दान कर रहा है। कुछ स्वाभिमानी मतदाता अपने स्वाभिमान पर अडिग है। जिस दल के साथ है निष्ठा से कार्य कर रहे है और वोट दे रहे है। वर्तमान समय मे जो चल रहा है राजनैतिक दल लोकसभा और विधान सभा चुनाव मे धनबल,बाहुबल वाले व्यक्ति को ही कही न कही से बढ़ावा दे रहे है। क्योंकि उन्हे पता है चुनाव बहुत खर्चीला हो गया है।मसलन जिसको चुनाव लड़ने के लिए मैदान मे पार्टी उम्मीदवार बनाकर उतारेगी तो उसे पार्टी कोष मे और टिकट दिलाने वाले मध्यस्थ को कुछ न कुछ द्रव्य दान करना होता होगा। सामाजिक चर्चा मे दलो के नाम विदित है। मतदाता बिक रहा है। जिसकी चर्चा लोग आपस मे बातचीत के दौरान करते रहते है। वही जो बिकाऊ है। लालची है। स्वाभिमानी मतदाता की वजह से लोकतंत्र जिन्दा है। निश्चित तौर पर हर व्यक्ति का अपना, अपना स्वाभिमान है। परिस्थितओ का लोग दास होते है। धन दौलत प्राप्त करने के लिए बहुत गिरना,स्वाभिमान को गिरवी रखना मानव समाज के लिए अहितकर साबित हो सकता है। माफिया के पास धनबल की ताकत है। बाहुबल है। सत्ता तो धनबल के ईशारे पे नाच रही है। राजनीति मे अपराधीओ का बोलबाला है। सरकारी तंत्र को माफिया धनबल की ताकत से अनैतिक कार्य करने के लिए विवश करते है। उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने सफल और असफल है। गांव, ब्लाक, तहसील, जिला, प्रदेश के अलावा देश लेबल के माफिया है। माफिया अनेक प्रकार के है। सभी अपने अपने क्षेत्र मे पारंगत होते है। सत्ता के कुछ लोग इनके यहा चाकरी भी करते है और अनैतिक कार्यो मे सहयोगी भी होते है। जात पात के हिसाब से माफियाओ का सम्मान होता है। जिस बिरादरी का माफिया होता है उस बिरादरी के कुछ लोग संरक्षण देते है और अपना आदर्श मानते है। आज से पच्चास साल पहले मानव समाज के हर बिरादरी मे यह परंपरा रही गंभीर अपराध करने वाले व्यक्ति को चाहे जिस जात का हो उसके ही जाति के लोग सामाजिक वहिष्कार करते थे। खान-पान आना जाना हुक्का पानी बंद हो जाता था। आज के परिवेश मे अपराधीओ के लिए जयकारा है। महिमा मंडन है। खातिरदारी मे न जाने कितने मानिंद सर झुकाये खड़े है। जात पात धर्म मजहब से उपर उठकर सबके हित के लिए सबको सोचना होगा। अनैतिकता को कमजोर करने के लिए सबका ध्यान नैतिकता की ओर जाना जरुरी है। राष्ट्र का मुख्य विचारधारा गौरवशाली है। जिसके साथ जुड़कर सबको उसी मे गोता लगाते रहना चाहिए। जेडी सिंह संपादक

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