जौनपुर। वर्तमान समय मे मनुष्य मे होशियारी चरम पर है। येन-केन प्रकारेण ऐसे लोग सिर्फ अपना फायदा देखते है। आज का जमाना भी कुछ अलग है। लोगो को झूठ बोलने वाले बेईमान धूर्त 420,चन्डाल, भवकाली,हर विधा के माफिया को लोग पंसद करते है। जो सीधा साधा रईस है उसे लोग पागल कहते है और परेशान करने के लिए हर हथकन्डा अपनाते है।लेकिन यहा साक्षात साक्षी रुप मे परमात्मा के प्रकटीकरण का प्राविधान है। इतिहास गवाह है। इतिहास बार बार दोहराया जाता है। मिस्ट्री यानि रहस्य बरकरार है। जानने वाले जानने की कोशिश करते है। ग्यान और विज्ञान का भरपूर प्रयोग करके थक-हार जाते है लेकिन ईश्वर के रहस्यवाद को समझ नही पाते है। जो दीन हीन होता है उस पर ईश्वर की विशेष कृपा होती है। जो होना है वह होगा। प्रकृति मे घटनाक्रम चलता रहता है। ऐहतियात के तौर पर लोग सतर्क रहते है ताकि किसी घटना से बचा जा सकता है। मनुष्य धनवान बनकर सबको गुलाम बनाकर बादशाह बनना चाहता है। वह जो चाहे वह हो उसका सब पर रुआब चले। पहले के अमीर नि:स्वार्थ गरीबो की मदद करते रहे।अब तो गरीबो का आर्थिक, शारीरिक बौद्धिक जबरदस्त तरीके से शोषण करके अमीर •अमीर होता जा रहा है गरीब गरीब होता जा रहा है। भगवान जो बहुत होशियार बनता है जब उसको रिमांड पर लेते है तो वह किधर का नही होता। ऐसे, ऐसे मुश्किल मे डालते रहते है जिससे वह उबर न सके। कोशिश हर व्यक्ति का होना चाहिए सबके लिए अच्छा सोचे। मन को गन्दा न करे। रहन-सहन नेक नीयति का रहे तो अति उत्तम है। धरती के सारे जीवो का मनुष्य से जुड़ाव है। लगाव है। चेतना अलग अलग है। इबादत मे सभी है। खुदा को मंजूर नही वह तो सत्य का मसीहा है।खुद को जानने वाले लोग रमते रमते उस परमसत्ता की विराटता को महसूस करने लगते है और रूहानी मौज के आला हाकिम बन जाते है। जगदीश सिंह संपादक
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