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बाबू सिंह कुशवाहा की जौनपुर लोकसभा सीट पर होगी एक लाख से अधिक वोटो से जीत,भाजपा विरोधी क्षत्रिय आंदोलन मोदी को प्रधानमंत्री बनने मे हो सकता है बाधक,रतनसेन सिंह सपा नेता

जौनपुर। समाजवादी पार्टी के नेता रतनसेन सिंह ने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से कहा कि जौनपुर लोकसभा क्षेत्र में स्व. लालचंद मौर्य के दशकों बाद बाबूसिंह कुशवाहा के रूप में मौर्य-कुशवाहा समाज का प्रत्याशी मिला है। जहां तक मुझे याद है, उस समय लालचंद मौर्य बसपा से लड़कर 1,84000 मत पाये थे। कहा कि
इस बार भाजपाई कुशासन,लूट और फ़रेब से जनता त्रस्त है, आरक्षण में धोखेबाज़ी और संविधान में बदलाव की सुगबुगाहट से पिछड़े वर्ग में एक बेचैनी व्याप्त है। समाजवादी पार्टी-इण्डिया गठबंधन ने बग़ल की फूलपुर में मौर्या, प्रतापगढ़ से पटेल, अंबेडकर नगर से पटेल और सुल्तानपुर से निषाद प्रत्याशी उतारकर संदेश दिया है कि पिछड़ों का सम्मान और अधिकार मिलने वाला है।
गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी यूपी में भाजपा विरोधी क्षत्रिय आंदोलन का असर भी दिखेगा। भाजपा के प्रताड़नापूर्ण रवैये से मुसलमान अपमानित और आहत है, जो आमतौर पर इण्डिया गठबंधन में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। ऐसे में उनका वोट भी जुड़ा हुआ है। इस स्थिति में पूरी संभावना है कि मौर्य, पटेल सहित अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समाज के साथ अगड़े वर्ग का एक हिस्सा भी इण्डिया गठबंधन को वोट करेगा। भाजपा के पास जुमलों के अलावा जनता को देने के लिए कुछ नहीं है।
पिछली बार पिछड़ा वर्ग का लगभग सारा वोट बीजेपी को मिला था,जो इस बार बीजेपी से निकलकर इण्डिया गठबंधन में ट्रांसफ़र हो रहा है। भाजपा का एक से ड़ेढ़ लाख वोट का नुक़सान तय है। उतने ही वोट से इण्डिया की जीत भी तय है।

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