सतगुरु धाम। जौनपुर। लोकसभा चुनाव का आखिरी वक्त आ गया है। 1 जून 2024 को मतदान के बाद चार जून को मतगणना होगा,जीत हार का खुशी और गम होगा। इस चुनाव मे राजनैतिक दलो ने अपने,अपने तरकश से एक से एक तीर निकाले और छोड़े। सिर्फ मतदाताओ के ध्रुवीकरण के लिए,समूचे चुनाव के दौरान मोदी को रोकिये का पैमाना रहा है। जिस तरह से राजनैतिक घेराबंदी मे ममता दीदी ,राहुल गांधी,अखिलेश यादव,अरविंद केजरीवाल,कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खडगे साहब,तेजस्वी यादव ने वेवाक टिप्पणी की। मुद्दो पर घेरा। इण्डिया गठबंधन ने एनडीए गठबंधन के माथे पर बल ला दिया।भाजपा के पास सबसे मजबूत उसका संगठन है। जो काफी हद तक धरातल पर काम करता है। जनता से संवाद और जुड़ाव बनाये रखता है। मोदी का देश की जनता मे प्रभाव है। आदर है,सम्मान है। विरोध का भी एक मजबूत धडा है। मोदी समय के पारखी है।प्रकृति के अनुसार भारत की संस्कृति को जगा रहे है। जिससे लोगो से भावनात्मक जुड़ाव हो गया है। अमितशाह को भाजपा का चाणक्य ऐसे ही नही कहा जाता है। उनकी अपनी नीति है। जो शोधन से शोधित है। आंकडा मीडिया बयान मे आया है। आत्म विश्वास है। चार सौ पार, चार सौ पार, विपक्ष भी बोल रहा है,भले ही जनता के बीच उसके मायने को अलग तरीके से पेश किया गया। फिर शुरु होती है अमितशाह की गर्जना,इन्डी गठबंधन को आडे हाथों लेते है। वैचारिक राजनैतिक प्रहार से वेदम करने का प्रयास करते है। मोदी का उठाव कर रहे है और योगी की प्रशंसा,मीडिया मे बयान है,पत्रकारो के सवालो का जबाब भी है। सातवा चरण के मतदान के पहले ही चार सौ के लक्ष्य को पूरा होने की भी बात कर रहे है। चुनावी आकलन मे एनडीए और इण्डिया गठबंधन दोनो अपने को सरस मान रहे है। नतीजा आने पर यह अस्पष्ट हो जायेगा,कौन कितने पानी मे है। जेडी सिंह संपादक