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मनरेगा की महिमा अपार, लोग हो रहे मालामाल, रामनगर विकास खण्ड मे उत्तर प्रदेश सरकार की मन्शा को दरकिनार करके भ्रष्टाचार का रचा जा रहा इतिहास,कमीशन बाबा का है जलवा

जौनपुर। रामनगर विकास खण्ड की राजनीति मे एक दूसरे को मात देकर धन कमाने की होड मची है। काफी हद तक इसके लिए मनरेगा योजना जिम्मेदार है।कुछ लोग ऐसे राजनैतिक पुरोधा है जो चित्त भी अपना और पट भी अपना का खेला खेल रहे है। उनका मकसद है ज्यादा से ज्यादा ग्राम सभाओ मे उनका आधिपत्य हो और मनरेगा योजना का कार्य कराया जा सके। रामनगर के बहुत से ऐसे ग्राम सभा है जहा के प्रधान विकास को गति देने के लिए ठेकेदारी का सहारा ले रहे है। विकास का सारा काम कोई और कराता है। फाईल स्वीकृति से लेकर धन लगाने तक। कमीशनखोरी का भी अपना चरम है। सरकारी तन्त्र का कमीशन बधा है। जैसी चर्चा है काम स्वीकृति के लिए दस प्रतिशत,बाकी पेमेंट लगाने का कमीशन अलग है। 99 ग्राम सभाओ मे 25 से तीस ग्राम सभा ऐसे है जहा मनरेगा लेबर ज्यादा काम कर रहे थे। अब कुछ कम हुए है। सरकार ने रामनगर विकास खण्ड के गांवो मे खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाये। हर ग्राम सभा मे खेलकूद का मैदान को बेहतर बनाया गया। खेलकूद का सामान खरीदा गया। कही, कही तो खेल के मैदान बने भी नही सामान खरीदा भी नही गया। धन का बंदरबांट हो गया। वर्तमान समय मे खेलकूद के मैदान की दशा दयनीय है। हर ग्राम सभा मे सामुदायिक शौचालय बने है। ज्यादातर बंद पड़े है।कुछ ही उपयोग मे है।
अमृत सरोवर तालाब योजना के तहत कुछ ही तालाब मानक के अनुरूप पूरे है। नही तो आधा,अधूरे काम करके छोड़ दिया गया है। सरकार की तरफ से अनेको जाच होता रहता है। अधिकारियो का जेब गरम हो गया तो फिर जाच होना नही है। सब ओके है। आवाज उठाये तो कौन,भ्रष्टाचारियो से पंगा कौन ले,अगर कोई जुर्रत करेगा तो पहले उसको चुप कराया जायेगा,अगर नही माना तो जान से हाथ भी धोना पड़ सकता है। वर्तमान के इधर दस से बारह सालो मे गांवो के विकास के लिए मोदी और योगी की सरकार ने खूब धन की वर्षा किये। अटल मनरेगा पार्क की खुबसूरती आज भी मनमोहक है। सरकार ने गांव को शहर बनाने के हर संभव कोशिश किये। दरअसल राजनीति जनसेवा का अवसर प्रदान करती है। लेकिन रामनगर की राजनीति व्यवसायिक है। पहले धन लगाना फिर धन कमाना यहा की यही मूल राजनीति है। भ्रष्टाचार यहा घटने के बजाय बढ़ ही रहा है। मनरेगा का काम कराने वाले लोग यहा बहुत ज्यादा है। बहुत से प्रधान अपना काम काज स्वयं मान सम्मान के साथ करते हुए जनता की सेवा से जुड़े है। कुछ प्रधान ऐसे है जो सब काम अपना करते है। लेकिन विकास कार्य कराने के लिए कुछ लोगो से समझौता किये है। उनके अनुसार काम करते है। कहा तो यह भी जा रहा है कुछ प्रधान अपना गांव बेच दिये है। जिसकी गांव के लोगो मे भी चर्चा है। उत्तर प्रदेश सरकार की मन्शा को दरकिनार करके रामनगर विकास खण्ड मे भ्रष्टाचार का इतिहास रचा जा रहा है। जेडी सिंह संपादक

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