परम पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी (सरकार बाबा) जशपुर राज घराने की घटना……… #महाप्रभु भगवान अघोरेश्वर और परम सन्त स्वामी करपात्री जी के मध्य घटी घटना से समबन्धित एक प्रसँग बात करीब 1957 की है, बाबा जशपुर पैलेस मे थे,उन ...
Read More »नृत्य ही पूजा, नृत्य ही ध्यान, आम आदमी आज भी नाच रहा है, सभ्य आदमी नाच भूल गया है
*ओशो:-* नाचने का अर्थ, तुम्हारी ऊर्जा बहे मेरे लिए नृत्य ही पूजा है। नृत्य ही ध्यान है। नृत्य से ज्यादा सुगम कोई उपाय नहीं, सहज कोई समाधि नहीं। नृत्य सुगमतम है, सरलतम है। क्योंकि जितनी आसानी से तुम अपने ...
Read More »माया जैसा चाहती हैं, सबकों वैसा ही नाच नचाती है, आयु के दिन पूरा कर लेने मात्र से जीव का कल्याण संभव नहीं है
पालघर।मुबंई। परम पूज्य संत स्वामी अडगडानंद जी महाराज ने कहां कि राम राज बैठें त्रैलोका । हरषित भये गये सब सोका ॥ (रामचरितमानस,७/१९/७) राम का राज्याभिषेक होते ही तीनों लोकों का शोक समाप्त हो गया, खुशी की लहर दौड़ गयी ...
Read More »रस पी ले बन्दे तू राम नाम का,ये धन और दौलत किस काम का,परमहंस आश्रम हथेरा में श्रद्धा बाबा की रामकथा, लोग मोक्ष की ओर, बीज का नाश नहीं होता, राम रस जिसने पी ली उसकी जिन्दगी परमधाम यात्रा की ओर चल पडी
जौनपुर। राम सत्य हैं। नित्य हैं।विश्व व्यापी हैं।उनकी हर जगह चर्चा हैं।वह सबका नियन्ता हैं। धरती के हर जीव पर उसकी दाया और माया हैं। वह सबका भला करता है। राम विश्व मे शान्ति चाहते हैं।रावण उत्पात मचाये हुए हैं। ...
Read More »मन को परमात्मा मे लगाना, ध्यान द्वारा चित्त को एकाग्र करना,योग का अर्थ क्रमशः: समाधि, जोड़ और संयमन होता है
पालघर।मुबंई योग शब्द का नाम आने पर जनसामान्य में कुछ शारीरिक क्रिया (आसन) की ही अवधारणा का प्रस्फुटन होता है । जो सही नहीं है इसलिये आयें देखें,योग क्या है?- योग शब्द ‘युज्’ धातु में ‘घञ्’ प्रत्यय लगाने से निष्पन्न ...
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