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ईश्वर के मार्ग पर चलने वाले दिव्य अनूभूति प्राप्त कर आनंदित हो रहे, धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए, संत को राजनीति से क्या मतलब है

सतगुरु धाम।जौनपुर।आज सतगुरु धाम वर्राह मे गया से आये संत शिवानंद शास्त्री ने विशेष बातचीत मे कहां कि सभी धर्मों का आशय सत्य की खोज है।लेकिन आज अधिंकाश लोग असत्य को ही सत्य मानकर माया मे पूरी तरह उलझकर जीवन फिर मरण को प्राप्त हो रहे है।उन्होंने कहां कि सनातन, रावण के अत्याचार,कंस के अन्याय, जबनों के दुर्व्यवहार से मिट नहीं सका तो सनातन कभी नही मिटेगा।सनातन हमें सत्य का बोध करा रहा है।उन्होंने कहां कि जो संत है उन्हें  राजनीति से क्या मतलब है। राजनीति करने वाले तथाकथित संत,महात्मा वोट बैक बना रहे है।उसमें धर्म तो नही है स्वार्थ है।धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।बल्कि राजनीति को धर्म से जोड़ना चाहिए।उन्होंने कहां कि जब  जल रहेगा तभी रस बनेगा। पृथ्वी रहेगी तभी भवन बनेगा। धरती के महात्म की चर्चा करते हुए कहां कि किसान गन्ना बोता है जो मीठा होता है।वहीं नींम का पेड़ जो औषधीय है।लेकिन कड़वा होता है। गया के ही शंकर दयाल पाठक ने कहां कि सत्य मार्ग ईश्वर का है। जो चल रहा है वह दिव्य अनभूति को प्राप्त कर आनंदित है। जेडीसिंह

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