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जब कवि, भावनाओं के प्रसव से गुजरते है तो प्रस्फुटित होती है कविताएं, विश्वनाथगंज मे कवि सम्मेलन का आयोजन, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मोती सिंह कार्यक्रम मे है मुख्य अतिथि

विश्वनाथ गंज। प्रतापगढ़। आर्चाय रामचंद्र शुक्ल कहते है कविता से मनुष्य-भाव की रक्षा होती है। सृष्टि के पदार्थ या व्यापार-विशेष को कविता इस तरह व्यक्त करती है मानो वे पदार्थ या व्यापार-विशेष नेत्रों के सामने नाचने लगते हैं। वे मूर्तिमान दिखाई देने लगते हैं। उनकी उत्तमता या अनुत्तमता का विवेचन करने में बुद्धि से काम लेने की जरूरत नहीं पड़ती। कविता की प्रेरणा से मनोवेगों के प्रवाह जोर से बहने लगते हैं। तात्पर्य यह कि कविता मनोवेगों को उत्तेजित करने का एक उत्तम साधन है। यदि क्रोध, करूणा, दया, प्रेम आदि मनोभाव मनुष्य के अन्तःकरण से निकल जाएँ तो वह कुछ भी नहीं कर सकता। कविता हमारे मनोभावों को उच्छवासित करके हमारे जीवन में एक नया जीव डाल देती है। हम सृष्टि के सौन्दर्य को देखकर मोहित होने लगते हैं। कोई अनुचित या निष्ठुर काम हमें असह्य होने लगता है। हमें जान पड़ता है कि हमारा जीवन कई गुना अधिक होकर समस्त संसार में व्याप्त हो गया है।

जब कवि “भावनाओ की प्रसव” से गुजरते है तो कविताए प्रस्फूटित होते है। विश्वनाथगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर मे शनिवार 24.11.2018 को 8 बजे रात्रि मे कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें  उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राजेंद्र सिंह (मोती) मुख्य अतिथि है। पत्रकार शिवशंकर सिंह, सूर्यभान सिंह, राधेश्याम सिंह, रामचन्द्र शुक्ल आदि कार्यक्रम के आयोजक है। यह जानकारी पत्रकार रोहित सिंह ने दिया है।

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