कुंभ नगरी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मे स्थित यथार्थ गीता कैम्प मे श्रद्धालुओं भक्तों को संबोधित करते हुए शक्तेगढ़ मिर्जापुर के पूज्य संत स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने कहा कि तीर्थों का राजा प्रयागराज है। जहां मन का शमन है। इंद्रियो का दमन है। ध्यान धारणा और समाधि है। ईश्वर में प्रेम से ओतप्रोत होना ही प्रयागराज है। उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव है जब संत मिलें। इसीलिए संतों का समाज ही चलता फिरता प्रयाग है । जिसका अवगाहन करना चाहिए ॐ का जाप और यथार्थगीता का अध्ययन करना चाहिए l पूज्य स्वामी जी के पूर्व यथार्थगीता कैम्प में रामरक्षानंद जी, राकेश बाबा, सोहम बाबा, बच्चा महाराज जी और राजाराम महाराज ने सत्यसंग मे भक्तों को आशिरवचन प्रदान किये। इसी क्रम मे लाले बाबा महाराज ने विद्या और अविद्या के बिषय में बताए कि सामाजिक विद्या केवल संसार तक सीमित है। कहा कि परमात्मा की तरफ चलना है तो अध्यात्म विद्या की जरुरत है। जो तभी सुलभ है जब महापुरुष मिले। जेडीसिंह सिंह सतगुरु धाम।