जौनपुर। भारत एक गणतंत्र देश है। लोकतंत्र की छाया मे विकास की ओर अग्रसर है। गण द्वारा चुनी गयी केन्द्र और राज्य की सरकार सुगमतापूर्वक आम जनमानस के हित मे काम रही है। देश आत्मनिर्भर हुआ है। गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी है। लोगों मे उल्लास है। अपना दल एस मड़ियाहू की विधायक डा. लीना तिवारी से गणतंत्र है क्या,पर सतगुरु दर्पण ने खास बातचीत की । जिसमें उन्होंने कहां कि गणतंत्र का मतलब था हमने ऐसे लोकतांत्रिक शासन को अपनाया, जिसको जनता चुने, जनता के द्वारा शासन किया जाए. गणतंत्र का सीधा मतलब है गण का तंत्र, यानि आम आदमी का सिस्टम। गणतंत्र के मायने हैं देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिये राजनीतिक नेता के रुप में अपने प्रतिनिधि चुनने के लिये सिर्फ जनता के पास अधिकार है।
इसलिए भारत एक गणतंत्र देश है। हमारे संविधान में देश के हर एक शख्स को अपने अधिकार दिए गये हैं। जिसकी बदौलत हर नागरिक पूरी आजादी के साथ अपनी जिंदगी जी सकता है। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष की बात पर जोर देते हुए एक समानता की बात करते हुए एक ऐसे समाज के निर्माण की बात करता है जिसमें सब समान हों, सब को अपना अपना हक मिले।
गणतंत्र के जश्न का मतलब होता है कि देश लोकतंत्र की छाया में आगे बढ़ रहा है। गणतंत्र का मतलब है कि गण की इच्छा के अनुसार तंत्र फैसले ले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे सिस्टम में लगातार सुधार हो रहा है। सोच बदल रहा है देश बदल रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल मे प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहां कि आज महिलाएं स्वालंबी हुई है। गणतंत्र की ही देन है निर्मला सीतारमण रक्षामंत्री, सुषमा स्वराज विदेश मंत्री, अनुप्रिया पटेल स्वास्थ्य मंत्री बन सकी है। आज मै विधायक हू जनता की देन है। इसके पूर्व श्रद्धा यादव,सावित्री देवी विधायक रही। तब गणतंत्र ने उनका साथ दिया था। समाज जागरुक है सब जान रहा है कब क्या निर्णय लेना है उसे पता है। मजहब जाति से ऊपर उठकर देश की बात करने की जरूरत है। गरीब, वंचितों के बारे में सोचने की जरूरत है। हिंदुस्तान में असल गणतंत्र तभी हो पाएगा जब हर नागरिक अपना कर्त्तव्य निभाएगा, सरकारें, ब्यूरोक्रेट्स, जनता के सेवक जनता के बारे में सोचेंगे तभी हम लोग सिर उठाकर गर्व से कह पाएंगे और स्वयं को गणतंत्र घोषित कर सकेंगे.
जेडीसिंह