⁵जौनपुर। जटिलता है। व्यापकता है। सत्य है असत्य है नीति है अनीति है पंन्थी है कुपंन्थी है मार्गी है कुमार्गी है। आफत है सासत है आपदा है विपदा है। रंक्षक है। भक्षंक है। धर्मी है अधर्मी है। सिर्फ धर्म की जय है। अधर्म का सत्यानाश हो रहा है कर्म के बीज से दैवीय और आसुरी संपदा का प्रतिपादन हो रहा है। असुरता बढ़ने से मानवता सिसक रहीं है। चहुंओर आह रुपी वेदना से मानव समाज के लोग पीड़ित है। हर वक्त शिकवा शिकायत है। स्वयं के लिए हम स्वयं जिम्मेदार है। हरि की जो इच्छा है सो प्रकृति के चर्या में घटित हो रहा हैं।ऐतिहात के तौर पर सतर्कता लाजमी है। रामनगर विकास खण्ड के भोरापुर पड़राव में मुबंई के भाजपा नेता सुनील पाण्डेय के यहां सप्त शतचण्डी महायज्ञ के आयोजन के उपरांत महाराज पंडित राधेश्याम मिश्र की तत्व परख वाणी की ओजस्विता में धर्म की मर्यादामयी वाणी सुनने को मिली। उन्होंने कहां कि सनातन धर्म दुनिया के लोगो को सदैव शांति का संदेश दे रहा है। कहां आज का वातावरण विषमता रुपी जहर से सना पड़ा है। इस अवसर पर प्रबुद्ध समाजसेवी अशोक सिंह ने कहां कि धर्म ही है जब हम एक दूसरे के दरवाजे जाते है तो अतिथि देवों भव: के सत्कार से लोग एक दूसरे का आत्मीय सम्मान करते है। कहां कि भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ सभी धर्मों के लोग रहते है और अपने अपने धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा पाठ करते है। सप्त शतचण्डी महायज्ञ में प्रदीप पाण्डेय, संजय पाण्डेय के साथ दिलीप सिंह समाजसेवी की सहभागिता विशेष रुप से बनीं है। यज्ञ में काफी संख्या में श्रद्धालु भक्तो का आना जाना लगा है। जेडी सिंह
Home / सुर्खियां / धर्म से ही मानवता को बचाया जा सकता है,जटिलता और व्यापकता के दौर में ईश्वर ही सहारा