जौनपुर। जगतगुरु श्री रविश्वराचार्य महाराज रामनगर विकास खण्ड के तरती गांव मे वृजेश मिश्र (पप्पू वैद्य) के कुल खानदान मे आयोजित गया यज्ञ के दौरान आयोजित श्रीमदभागवत कथा के समापन अवसर पर श्रद्धालु भक्तो को संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन अनमोल है तरती मे है तो तर जाइये प्रभु का नाम लेकर।भव सागर से पार होना है तो मस्त रहिये।मगन रहिये। जगत अपना नही सपना है। सबको देखा ठोक बजाई जगत मे अपना कोई नही रे। एक परमात्मा का चिन्तन और भजन करिये। आत्मा को परमात्मा से जोडिये। विचार के स्वच्छता और सत्यता मे ही ईश्वर सदैव रमण कर रहे है। भ्रमण कर रहे है। भगवान के भाव मे डूब जाओ। कृपा मिलेगी। दुखद और सुखद अनूभूति एक रस लगने लगेगा।मन को खूब राम मे रमाईये। पूज्य महाराज ने कहा कि भगवान के चरण,शरण मे शरणागत हो जाइये। कैसी भी बला हो उसके याद मे है तो दया तो मिलना है। कहा कि श्रीमदभागवत कथा अपनी व्यथा है। कहा कि सनातन धर्म जबसे धरती है तबसे है। मानव मे मानवता और न्याय का धर्म है। जिसे न खरीदा जा सकता है न बेचा जा सकता है। धर्म जहां है वही अधर्म भी है। पकड़ना छोड़ना मनुष्य के हाथ है। धर्म मे परमात्मा का बल है जो पावन मंगलकारी है।अधर्म विनाशकारी है। प्रलयकारी है। जहां असुरता है। मनुष्य का अच्छा कर्म है तो पावन है। बुरा कर्म है तो अपावन है। मंगल अमंगल पावन अपावन के बीच मनुष्य कुछ न कुछ सोचता रहता है। भगवान की भक्ति साकारात्मक सोच है जो मानव के जीवन को सुगम बनाता है। कुसोच मे असुरता है। नकारात्मक और साकारात्मक उर्जा के बीच सतगुरु नाम के उर्जा से भव से पार उतरा जा सकता है। इस अवसर पर आये सभी श्रद्धालु भक्तो के प्रति राजेश मिश्र ने हृदय से आभार जताया। जगदीश सिंह संपादक