जौनपुर। रामनगर विकास खंड के सभागार मे टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत मीटिंग का आयोजन हुआ। जिसमे प्रधानो को प्रशिक्षत किया गया और टीबी के प्रारंभिक लक्षण के बारे मे बताया गया। एक हजार की आबादी मे तीन प्रतिशत लोंगो का जाच होना है। एक से अधिक लोग अगर नही निकल रहे है तो ग्राम पंचायत टीबी मुक्त माना जायेगा। यदि किसी भी व्यक्ति को एक हफ्ता खांसी आता है।चलने फिरने मे कमजोरी महसूस होता है। वजन मे लगातार कमी हो रहा है तो स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी रोग का जांच अवश्य करा लेना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार चिकित्सा सेवा मे मानव का स्वास्थ्य उत्तम बना रहे। इस पर विशेष ध्यान रख रहा है। किसी समय टीबी किसी को होना किसी बड़े अभिशाप से कम न था। छुआछूत के इस बीमारी मे यदि परिवार के किसी व्यक्ति को टीबी रोग हो जाता था तो उसे घर से अलग कर दिया जाता था। उसका सोना,रहना,खाना परिवार के लोगो से दूर होता था। आज समय का फेर है। वर्तमान समय मे देखा जाय तो टीबी का बेहतर इलाज सरकारी अस्पतालो मे हो रहा है। पहले टीबी मरीजो की संख्या अधिक होती थी।लेकिन अब संख्या काफी घटी है। रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बने इसके लिए कार्य करना शुरु कर दिये है। ग्राम सभा के प्रधानो को प्रशिक्षत करने के पीछे का उद्देश्य है स्वास्थ्य विभाग तो तत्पर है प्रधान जी लोग भी सक्रिय बने रहे तो ग्राम पंचायत के टीबी मुक्त होने मे आसानी हो सकता है। ग्राम पंचायत टीबी मुक्त अभियान के मीटिंग मे त्रिभुवन यादव एडीओ पंचायत,राजेन्द्र विक्रम स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, दीपू सिंह,पीयूष तिवारी एआरओ के अलावा प्रधानगण और ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी उपस्थित रहे। जेडी सिंह
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