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मनुष्य अपने पिंडियों को जगा ले तो नर से नारायण बन सकता है, योग हमारे पुरखों का ज्ञान,बाबा रामदेव ने लोगों मे राष्ट्र भक्ति, योग प्रेम और नैतिकता का संचार किया, श्रोताओं को कभी हसाया तो कभी गंभीर मुद्दों की चर्चा कर सोचने को विवश किया

सभी समान और सभी है महान -स्वामी रामदेव
-मेडिकल साइंस सत्य है योग  परासत्य
-कुलपति ने किया स्वामी रामदेव का अभिनन्दन
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आशीर्वचन समारोह का हुआ आयोजन
जौनपुर
जयप्रकाश तिवारी
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को स्वामी रामदेव जी का विश्वविद्यालय की तरफ से अभिनंदन एवं आशीर्वचन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में स्वामी रामदेव ने लोगों में  राष्ट्र भक्ति, योग प्रेम और नैतिकता का संचार किया। श्रोताओं को कभी हसाया तो कभी गंभीर मुद्दों की चर्चा कर सोचने को विवश किया।
समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि योग वृक्ष में बीज की तरह काम करता है। हमारा मस्तिष्क भी योग से ही एक्टिवेट होता है। मनुष्य के भीतर अपरिमित ज्ञान एवं संवेदना है। जो मनुष्य अपने पिंडियों को जगा लेगा। वह नर से नारायण हो जाएगा।  उन्होंने कहा कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं सभी समान हैं और सभी महान हैं। समाज में सभी के प्रति एक भाव रखना चाहिए। आज चिकित्सक भी योग की महत्ता को समझ गए हैं। योग हमारे पुरखों का ज्ञान है। मेडिकल साइंस सत्य है योग उससे भी परासत्य है। योग से शरीर के पूरे सिस्टम को व्यवस्थित किया जाता है। आज हमें साइंस के साथ वैदिक साइंस और गणित के साथ वैदिक गणित पढ़ने की जरूरत है तभी देश का भला हो सकता है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में मति, भक्ति और कृति तीन चीजों का सामंजस्य हो जाए तो उसे महान बनने से कोई रोक नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि जिन जड़ी बूटियों को घास फुस समझ कर फेंक दिया जाता था आज उनसे हजारों करोड़ का साम्राज्य इस देश के लिए तैयार हुआ है और यह जड़ी बूटियां सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनी है।
स्वामी रामदेव ने सभागार में उपस्थित श्रोताओं को मंच से ही योग कराया एवं भजन के माध्यम से राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा की।
स्वागत करते हुए कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्वामी रामदेव जी का आगमन बहुत गौरव की बात है। वैज्ञानिक युग में भी मनुष्य संत-महंत और ऋषियों के आशीर्वाद से अपने जीवन ही नहीं मरने के बाद भी सब कुछ प्राप्त कर सकता है। कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजाराम यादव ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि इस सत्र में  600 से अधिक विद्यार्थियों का कैंपस सलेक्शन हुआ है। आने वाले समय में महाविद्यालय के विद्यार्थियों के रोजगार के लिए भी बड़े स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्वामी रामदेव से कुलपति ने सहयोग की अपेक्षा की।
कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने स्वामी रामदेव को अभिनंदन पत्र, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने पतंजलि योग समिति के प्रभारी शशि भूषण को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ मानस पांडे द्वारा किया गया। विश्व विद्यालय के विद्यार्थियों ने कुल गीत एवं राष्ट्र गीत प्रस्तुत किया। संचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर  डॉ आर बी त्रिपाठी, डॉ राकेश, संतोष दास, सुरेंद्र, वित्त अधिकारी एम के सिंह, प्रोफेसर बी डी शर्मा, प्रोफेसर बीबी तिवारी, प्रो अजय द्विवेदी, प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर, प्रो रामनारायण, प्रो राजेश शर्मा, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ राघवेंद्र  पांडे, डॉ संतोष कुमार, डॉ राजकुमार सोनी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ राकेश यादव,डॉ आशुतोष सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह , डॉ पुनीत धवन, डॉ के एस तोमर, संजय श्रीवास्तव, समेत तमाम क्षेत्रवासी विश्वविद्यालय के कर्मचारी शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद रहे।

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