जौनपुर। भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ जिले के कार्यकर्ताओ में आक्रोश व्याप्त हो गया है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओ ने अध्यक्ष पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए प्रदेश अध्यक्ष से लिखित शिकायत किया है। पत्र में साफ लिखा है कि वर्तमान जिलाध्यक्ष के रहते लोकसभा चुनाव नही जीता जा सकता है।
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओ में गजब का उत्साह दिखाई पड़ता था। पार्टी के सभी नेता,पदाधिकारी और कार्यकर्ता जाति ,धर्म को दरकिनार करते हुए केवल देश में मोदी के नेतृत्ववाली सरकार बनाने के लिए तन मन और धन से जुटे हुए थे। जिसका परिणाम रहा कि जिले की दोनो सीटे रिकार्डतोड़ बहुमत से जीतकर केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी थी। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा ने संगठन में बदलाव किया।एमएलसी चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने सुशील उपाध्याय को जिलाध्यक्ष बना दिया। उनके जिलाध्यक्ष बनने के बाद एमएलसी चुनाव भाजपा हार गयी। उसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव हुआ मोदी के आंधी के बाद भी जिसमें जिले नौ विधानसभा सीटो में मात्र चार सीटे भाजपा के खाते में आयी। केन्द्र और प्रदेश में बीजेपी के सरकार होने के बाद भी नगर पालिका चुनाव में भाजपा का अच्छा प्रर्दशन नही रहा। एक तरफ लगातार गिरता भाजपा का ग्राफ दूसरी तरफ संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ में जिलाध्यक्ष के खिलाफ बढ़ता आक्रोश लोकसभा चुनाव पर संकट के बादल छाने लगा है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय से सूत्रो से शिराज ए हिन्द डाॅट काम को मिली जानकारी के अनुसार जिले के कई जनप्रतिनिधि, बरिष्ठ नेता और मण्डल अध्यक्षो ने एक सप्ताह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात करके जिलाध्यक्ष सुशील उपाध्याय को हटाने के लिए लिखित शिकायत किया है। ढ़ाई पन्ने में छह विन्दुओ में कई गम्भीर आरोप लगाते हुए पत्र में लिखा गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करानी है तो वर्तमान अध्यक्ष सुशील उपाध्याय को पद से हटाये बिना सम्भव नही है।
Rajesh Shrivastav at 04:16