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धनबल.बाहुबल. रणनीति ही सत्ता की कुंजी, सपा.बसपा का विवशता का गठबंधन, मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना

जौनपुर। राजनीति स्वार्थ नीति हो गया है। सभी राजनैतिक दलों की अपनी. अपनी विचारधारा है। वोट के लिए न जाने कौन .कौन सा दाव अपनाने की कोशिश होती आ रही है। पीजी कालेज मड़ियाहू के प्राचार्य एसके सिंह से आज के परिवेश मे राजनीति विषय पर सतगुरु दर्पण ने विशेष बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहां कि राजनीति सोशल सांइस है. वोटिंग विहवियर बदलता रहता है। मतदान के दिन तक क्या स्थिति होगी कुछ कहां नहीं जा सकता है। उन्होंने कहां कि सत्तावादी राजनीति मे वहीं सफल है जिसके पास शस्त्र, शास्त्र,और धन है। धनबल,बाहुबल और रणनीतिकार ही सत्ता की कुन्जी है। कहां राजनीति सत्ता का खेल है। पूरे देश में दलों का प्रयास सत्ता पाने का है।किसी को राष्ट्रहित और देशहित की चिंता उतना नहीं है जितना होना चाहिए। सारा खेल सत्ता प्राप्ति और खुद के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए हो रहा है। उत्तर प्रदेश मे सपा.बसपा के गठबंधन पर बोले कि यह गठबंधन विवशता का है। असतित्व बचाने का है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली। जबकि सपा को महज सीटों पर सिमटना पड़ा। अगला प्रधानमंत्री देश का कौन होगा के सवाल पर कहा कि अभी देश में मोदी का कोई विकल्प नहीं है। संभावना फिर प्रधानमंत्री उन्हीं के बनने का है। कहां कि मैं शिक्षक हूं मेरा स्पष्ट नजरिया है। भाजपा का दलित प्रेम नुकसान दाई है। सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण देकर उन्हें खुश करने की कोशिश की गयी। कहां कि गठबंधन से थोडी़ बहुत भाजपा का नुकसान. हो सकता है। जेडीसिंह

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