पितृ दिवस की आप सभी को अनंत मंगलकामनायें…
यूँ तो मा. श्री राजा भइया जी कभी भी पाश्चात्य संस्कृति का समर्थन नहीं करते हैं, आज अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय पितृ दिवस है, पर एक दिन में पिता की महत्वता को नहीं आंका जा सकता है, पूरा जीवन भी पिता की महत्वता बताने में कम पड़ जाएगा, पिता वो होता है जो हमें सही राह दिखाता है, सही-गलत में फर्क करना सिखाता है।
जीवन के सृजन से विकास तक जीवन के सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्धता के कर्तव्यपथ का पालन करने वाले पिता के लिए कोई एक दिन कभी निश्चित नहीं किया जा सकता है, हर दिन पितृ दिवस के समान है। इस पाश्चात्य संस्कृति को छोड़कर हर दिन को पितृ दिवस के रूप में मनाएं और अपने माता-पिता का सम्मान करें एवं उनकी हर आज्ञा का पालन करें।
मा. श्री राजा भइया जी के पिताजी भदरी स्टेट के राजा श्री उदय प्रताप सिंह ‘बड़े महाराज’ जी पर्यावरण प्रेमी हैं, उत्तर प्रदेश में सर्वप्रथम प्लास्टिक की पन्नियों पर प्रतिबंध लगाने का श्रेय आदरणीय बड़े महाराज जी को ही प्राप्त है, बतौर पर्यावरणविद् बड़े महाराज जी ने ‘प्रकृति’ नामक संस्था की स्थापना की है, जिसका मूल उद्देश्य प्रकृति एवं पर्यावरण को संरक्षित तथा प्रदूषण मुक्त करना है, इसके अतिरिक्त बड़े महाराज जी कुंडा में सनातन धर्म के कार्यों का नेतृत्व करते हैं।रघुराज प्रताप सिंह