जौनपुर। सोशल मीडिया से अब लोगों का विश्वास उठ रहा है।जिसकी वजह है झूठी सूचनाओं को जनता के बीच परोसा जाना। अभी एक सूचना तेजी से प्रचारित हो रहा है कि उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा 9लाख रुपये प्रत्येक ग्राम पंचायतों को दिया गया है। जिसमें गांव के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए हैण्ड सेनिटाइजर,फेस मास्क का वितरण किया जाना है।यहां तक कहां जाने लगा प्रधानो ने सारे धन को हजम कर लिया है।गावों में तरह,तरह के बात,बहुबात का दौर शुरू हुआ।लोग प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी से सवाल जबाब करने लगे।जबकि इन लोगों ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है।इसके बावजूद लोग खण्ड विकास अधिकारी से बातचीत किये तो लोगों को यकीन हुआ और तब जाके प्रधानो के प्रति लोगों की भावना साफ हुई। खण्ड विकास अधिकारी रामनगर नरेन्द्र बहादुर सिंह से जब इस सिलसिले में बातचीत हुई तो उन्होंने कहां कि पच्चासो लोगों ने फोन किया और पूछा कि क्या सरकार से ग्राम पंचायतों को 9लाख रुपये मिले है।जब जबाब मिला नहीं तो लोगों को संतोष हुआ।अधिकारी ने कहां कि कोरोना महामारी संकट काल में गांवों मे मास्क और सेनिटाइजर का वितरण प्रधानो द्वारा किया गया।गावों को सेनेटराजिग कराया गया।विलिचिग पाउडर का छिड़काव हुआ।कहां कि कोरोना महामारी के रोकथाम में प्रधानो की भूमिका महत्वपूर्ण है।सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए प्रधान कोरोना महामारी से ग्रामीणों को बचाने को तत्पर है।सोशल मीडिया में झूठी बातों को फैलाकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है।प्रधान संघ अध्यक्ष रामनगर शिवशंकर सिंह ने कहां कि सोशल मीडिया में विरोधियों द्वारा गलत सूचना को प्रचारित करके प्रधानो की छबि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।दरअसल प्रधानी के चुनाव की सुगबुगाहट गावों में चल रही है।चुनाव लड़ने वाले भावी प्रधान प्रत्याशी प्रधानो को हर तरफ से घेरने का प्रयास कर रहे है।जबकि विरोधियों को चाहिए संकट काल में गांव के लोगों में सेनिटाइजर, मास्क का वितरण करते और जरुरत मंदों की सेवा करके अपनी हैसियत को मजबूत करते तो चुनाव मे उनकों उसका लाभ मिलता। सेवा भी नहीं मेवा खाने की इच्छा तो यह कैसे पूरा होगा। सोशल मीडिया की पवित्रता बनाये रखने के लिए झूठी सूचनाओं को प्रचारित करने से बचे वरना जहमत बढ़ सकती है।झूठ फैलाना भी अपराध है।