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दार्शनिक स्थल डीह बाबा तालाब के भीटे पर जफराबाद विधायक करेंगे वृक्षारोपण,प्रकृति के संतुलन के लिए यह है जरुरी

जौनपुर।वृक्षारोपण पर उत्तर प्रदेश सरकार का जोर है।वृक्ष प्रकृति के जीवों के लिए उपयोगी है। इसके बगैर जिन्दगी को जिया नहीं जा सकता।जितना वन छेत्र बढ़ेगा उतना ही जीवन हर्षोल्लासित होगा। जंगल में मंगल की कहावत आम तौर पर प्रचलित है।यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी जलश्रोत बढाने के अनेकों उपाय कर रहे है। सुन्दर तालाब की खुदाई  उसके भीटे पर तरह,तरह के वृक्ष उगाने का प्रयास सचमुच में प्रदेश को रमणीय बनाने की कवायद है। प्रकृति का संतुलन तभी बना रहेगा जब वृक्षों की बहुलता होगी।रामनगर विकास खण्ड के बोधीपुर ग्राम पंचायत स्तिथ डीह बाबा के पीछे के तालाब की जल्द ही खुदाई की गयी है। देखने में रमणीय लग रहा है।वृक्ष से आच्छादित होंने पर सुन्दरता में चार चांद लग जायेगा।रामनगर खण्ड  विकास अधिकारी नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि जफराबाद विधायक हरेन्द्र प्रसाद सिंह 25 जून 2020 को दोपहर एक बजे उक्त तालाब पर वृक्षारोपण करेंगे।कहां कि अभियान के तहत रामनगर विकास खण्ड के बीस ग्राम पंचायतों में बीस तालाब का चयन किया गया था।मिट्टी की खुदाई करके तालाब मानक के अनुसार गहरा किया गया और भीटे की उंचाई मानक के अनुसार तैयार हुआ है।इन्हीं तालाबों पर 2060 वृक्ष लगाये जायेंगे।जिसमें छायादार के अलावा अनेक प्रकार के वृक्ष को लगाया जायेगा।जिस स्थान पर यह तालाब है वह दार्शनिक स्थल है।आगे डीह बाबा का मंदिर है।जो लंका के डीह के नाम से प्रसिद्ध है।रविवार, मंगलवार,शुक्रवार को भक्तों का मेला लगता है। पुड़ी, हलुवा, लड्डू बाबा को चढ़ता है।लंका के डीह के बारे में एक कथा प्रचलित है।तरती निवासी हृदय नारायण मिश्र ने बताया कि सच्चे भाव से जो भी मुराद माँगता है वह पूरा होता है।कहां कि एक बार की बात है कुछ तान्त्रिक स्थान पर आये और दिव्य शक्ति को प्राप्त कर चल दिये और विन्धयाचल पहुंच कर नाव पर सवार होकर गंगा पार होने जा रहे थे।बीच धार में जब नाव पहुंची तो डूबने लगी तो मल्लाह ने कहां कि जान पड़ता है लंका के डीह नाव पर सवार है।इतना कहते ही नाव डूबने से बच गयी। बताया जाता है कि यहीं से डीह बाबा अपने निज स्थान पर वापस आ गये।आज भी दीपापुर,नवापुर,दलपतपुर,बोधीपुर,तरती,नवापुर,गोसाईंपुर, चैनपुर,खेतापुर,शेखपुर,सरैया आदि गावों सहित कुछ अन्य गांव के लोग मांगलिक अवसरों पर दर्शन, पूजन करते है। मनौती की मनोकामना पूर्ण होने पर लोग हलुवा,पुड़ी, लड्डू चढाते है।वैसे तो हर गांव मे डीह बाबा का स्थान है जहां ग्रामीण पूजा करते है। लोग कहते है डीह बाबा गांव की रंछा करते है।गांव में  किसी भी प्रकार के प्रकोप को आने से रोकते है। लंका के डीह के बारे में यह भी कहा जाता है कि जमुना साव तरती  का मनोकामना पूर्ण हुआ तो मंदिर बनवाये। मंदिर के पुजारी दुबे राजभर ने बताया कि डीह बाबा की महिमा अपार है। बोधीपुर के प्रबुद्ध समाजसेवी नागेन्द्र सिंह और विजय बहादुर मौर्य ने कहां कि डीह बाबा के दर्शन, पूजन के लिए दूर,दूर से लोग आते है।माँगी मुराद पूरी भी होती है। कहां कि तालाब के सुन्दरीकरण से इस दार्शनिक स्थल की भव्यता बढ़ गयी।वृक्षारोपण से स्थल रमणीय हो जायेगा।

 

 

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