मडियाहू।जौनपुर। समाजसेवी विनय सिंह झगडू ने बातचीत के दौरान कहां कि नैतिक बनिये और बनाइये,सत्य पथ का अनुगामी बन जन,जन को सेवा भाव के आचरण से परिपूर्ण बनना होगा।भारत देश नैतिकता का देश है जहां हर दिलों में मानवता बसती है। नर सेवा नारायण सेवा यहां की प्रकृति है। दया,दीनता के पावन भाव में सभी ओतप्रोत है, धर्म, अर्थ, काम, मोछ हमारे जीवन के मूल्य हैं और इन सभी से नैतिकता का सीधा सम्बंध है । इसे इस तरह भी कह सकते हैं कि जीवन के मूल्य नैतिकता के समानुपाती हैं। अर्थात यदि हमारे जीवन मे नैतिकता का समावेश है तो हमारे जीवन के मूल्य धर्म, अर्थ, काम, मोछ सही तरह से निष्पादित होते हैं। बिना नैतिकता के हमारा जीवन पशुवत है। हमारे मनीषियों, शिछाविदों नें अच्छा जीवन जीने के लिये कुछ नियम बनाये हैं। जिन पर चलना हमारा परम कर्तव्य है और इन कर्तव्यों का पालन ही नैतिकता है जिसके फलस्वरूप हमारा जीवन अमृतमय बनता है । धर्म, अर्थ, काम, मोछ जीवन के मूल्यों को हम अपने जीवन में सही ढंग से समाहित कर सकते हैं।बिना नैतिकता के हमारे जीवन मूल्य शून्य हैं । आज हमारी संस्कृति पाश्चात्य एवं भारतीयता का मिला जुला स्वरूप है। देश काल और समाज के हिसाब से हमारी संस्कृति में भी बदलाव आया है । शहरीकरण और टूटते संयुक्त परिवारों के लिये तो नैतिकता वरदान है।चाहे हम घर में हों या बाहर ,खेत खलिहान में हों या दफ्तर में, हमें नैतिकता को सर्वोच्च स्थान देना होगा तभी हम भारत की पुरानी परिकल्पना सोने की चिडिया को साकार कर पायेगें और आनेंवाली पीढी के लिये आदर्श साबित हो सकेंगे । आओ हम सब अपनें जीवन मूल्यों में नैतिकता का समावेश कर अपनें जीवन को सफल बनायें । स्वयं जियें और दूसरों को भी जीनें दे।