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देशभर में धूमधाम से मनाया गया नागपंचमी का त्योहार,श्री लौहार देव के दर्शन को उमड़ी भीड़, बंशजो ने सड़क दुघर्टना में गंभीर रुप से घायल सतगुरु दर्पण के संपादक जेडी सिंह को देखने पहुंचे पार्थ हास्पीटल जौनपुर, जल्द स्वस्थ होने का किया कामना,चाय की जगह दूध पिलाने की बात पर बोले नाग का वंशज हूं दूध पिलाइये,कहानी रोचक है पढ़िये

जौनपुर। मंगलवार को सुबह से ही देशभर मे नागपंचमी के त्यौहार का धूम रहा है।भक्त जन बड़े ही आत्म विश्वास के साथ बाबा भोलेनाथ के गले के माला के रुप में शोभनीय नाग देवता की पूजा अर्चना की और दूध और लावा चढ़ाकर आशीर्वाद लिया। नाग और मनुष्य का सृष्टि जगत मे विशेष लगाव है।आध्यात्मिक और फिल्मी जगत के अलावा पौराणिक कथाओं और मान्यताओं मे मानव और नाग बाबा की अलौकिक अदभुत कहानी आज भी आम जन में प्रचलित है। जिला मुख्यालय से लगभग चालीस किलोमीटर की दूरी पर‌ रामनगर नेवढ़िया मार्ग के दक्षिण दिशा के गोपालापुर मार्ग से सारंगडीह बुद्धीपुर‌ गांव मे श्री लौहार‌ देव बाबा का भव्य दिव्य नव्य अलौकिक अदभुत मंदिर है। जो रामनगर ब्लॉक के 12 गांवों के दूबे परिवार के अलावा लाखों,करोड़ों भक्तो के आस्था का केंद्र है।खोजी पत्रकारिता के तहत आज के पच्चीस साल पहले श्री लौहार देव बाबा का दर्शन,पूजन और खबर करने का अवसर प्राप्त हुआ। उस समय हम 1997 में अमर उजाला अखबार के लिए रामनगर से काम कर रहे थे। जब इस खबर को
लिखकर और जौनपुर जिला मुख्यालय पर लिफाफा भेजे तो एक हफ्ते बाद अखबार मे प्रमुखता से खबर मेरे नाम से छपी। पहले अखबार मे नाम के साथ खबर छपना बहुत बड़ी बात होती रही।जब अमर उजाला ने खबर छापी तो और अखबारो और टीवी चैनलों के रिपोर्टरो ने खबर को कवर किया और प्रमुखता से प्रकाश में लाया। उस समय राजेश श्रीवास्तव,राजकुमार सिंह,नीरज सिंह बंटी,अजीत सिंह,आरिफ हुसैनी,अव्वास,जेडी सिंह जो जनपद के दिग्गज पत्रकारों मे गिने जाते थे। आप सब भी श्री लौहार देव बाबा के खबर को कवर किये और प्रकाश में लायें। सोमवार को भोलेनाथ का बहुत ही पवित्र दिन था। बर्राह गांव निवासी जेडी सिंह का तरती नेवढ़िया मार्ग पर बकरी को बचाने में बरसात का मौसम था बाईक फिसली और सड़क दुघर्टना में गंभीर रूप से घायल हो गये। उपचार के लिए पार्थ हास्पीटल जौनपुर में एडमिट किये गये। एडमिशन के बाद मंगलवार को डाक्टर सुभाष सिंह दाये पैर के टूटी हड्डियों
का आधुनिक तरीके से सफल आपरेशन किये। लगभग पांच घंटे आईसीयू मे रखने के बाद बार्ड नंबर 22 में लाया गया। जैसे ही आये श्री लौहार देव बाबा के बंशज दुःख की घड़ी में आशीर्वाद देने पहुंचे। कुशल क्षेम जाने। शिष्टाचार में चाय आया। चाय की लोग चुस्की ले रहे थे।‌ शैलेश दूबे चाय नहीं पी रहे थे। जब हमने आप से पूछा दूध मंगवा दे पीयेगे।‌ लौहार देव बाबा के बंशज घनश्याम दूबे जी बहुत ही ओज पूर्ण भाव मे कहे नाग का वंशज हूं। दूध पीला दीजिए,आज नागपंचमी है। भाव ही भगवान है। भाव ने दर्शाया और अनूभूति में महसूस हुआ श्री लौहार देव बाबा मानव स्वरूप में दर्शन देकर दुःख हरने आये है। नागपंचमी के दिन रामनगर ब्लॉक के बारह गांवों सारंगडीह, अहिरौली,सुमेशरपुर,बांसापुर,ननौटी,आदीपुर,बशीरपुर,नोकरा,बहरी,पाण्डेयपुर के दूबे परिवारों को सांप नहीं काटता है। गलती से दांत गड भी गया तो कुछ नहीं होता,श्री लौहार देव बाबा ट्रस्ट के अध्यक्ष घनश्याम दूबे साहब जी ने बताया कि बाबा की असीम कृपा है।‌ नागपंचमी के दिन गुजरात, दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा कहीं भी श्री लौहार देव बाबा के बंशज कमाई के लिए गये है,वह जरूर आते हैं। दर्शन,पूजन करते हैं। लावा दूध चढ़ाते है फिर वापस अपने गन्तव्य को लौट जाते है। एक और खास बात की उन्होंने चर्चा किया। बारह गांव के दूबे परिवार में जब कोई अनैतिकता की ओर कदम बढ़ाता है। नाग देवता बाल स्वरूप में घर के आंगन में दिखाई देने लगते है। लोग समझ जाते है। कोई गलती हुई है। माफी मांगते हैं। फिर नाग देवता अछंन हो जाते हैं।‌ दरअसल श्री लौहार देव बाबा बारह गांवों के दूबे परिवार के पूर्वज है। इस कुल खानदान मे प्रकट हुए और खुद को परिवार का सदस्य बताया।‌ देव स्थान पर जब भी कोई आयोजन होता है।‌ नाग देवता साक्षात दर्शन देने के लिए नाग रुप मे उपस्थित होते हैं।‌ पूर्वांचल के इस सिद्धपीठ‌ देव स्थान पर दर्शन के लिए ताता लगा रहता है। मंदिर के पुजारी मंगला प्रसाद दूबे नियमित भक्तो संग पूजा पाठ आरती करते हैं। स्थान रमणीय है। सैकड़ों साल पुराना वटवृक्ष ऐतिहासिक धरोहर है। प्रत्येक वर्ष नागपंचमी को लौहार देव बाबा का सतगुरु दर्पण में विशेषांक निकलता था और निःशुल्क बंटता था। इस बार शुध नही आया। बहरहाल नागपंचमी तो नहीं एक दिन बाद सतगुरु दर्पण न्यूज पोर्टल पर श्री लौहार देव बाबा की कृपा और प्रेरणा से खबर लिखा गया। अब तो गुस्ताखी माफ होने का चांस बढ़ गया है। मुसीबत की घड़ी में ठीक नागपंचमी के दिन बाबा के बंशजो ने आशीर्वाद दिया और जल्द स्वस्थ होने की श्री लौहार देव बाबा से कामना किया। जेडी सिंह संपादक

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