रामनगर। जौनपुर। स्थानीय विकास खण्ड के ग्राम सभाओ मे स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ो की लागत से बने टू सीटर और 4 सीटर सामुदायिक शौचालय अधिकांश अपूर्ण और बंद पड़े है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। कुछ एक शौचालय चालू हो सकते है। कही बोरिंग नही हुई है तो कही दरवाजा नही लगा है। रामनगर मे 98 सामुदायिक शौचालय बने है। शेखपुर का विवादित है। जिसमे चौदह के 4 सीटर है। बाकी के दो सीटर है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार घर-घर शौचालय बनवाने का काम किया और इसके अतिरिक्त गांव के चौराहे तिराहे पर सामुदायिक शौचालय बना ताकि सड़क से आते जाते यात्री भी उसका जरुरत पड़ने पर सदुपयोग कर सके। सरकार की मंशा मानव हित मे काम करना है। जबकि प्रधान की मंशा क्या है जान सकते है। मोदी और योगी गांव, गांव स्वच्छता ला रहे है। फोर सीटर साढ़े पांच लाख तो टू सीटर ढाई लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय बना है। उपयोग होता तो सार्थकता था। सरकार की योजनाओ को फ्लाप करने के पीछे की आखिर मंशा क्या हो सकती है। जेडी सिंह