जौनपुर। मड़ियाहू तहसील क्षेत्र के कुछ ब्लाक क्षेत्रो मे धन बटोरने वालो के निशाने पर सफाई कर्मी है। ग्राम सभाओ मे तैनात सफाई कर्मीओ को वेतन का कुछ हिस्सा उनको देना पड़ रहा है। सफाई कर्मी की संख्या एक ग्राम सभा मे दो से तीन की है। एक फरमान जब जारी हुआ किसी ब्लाक मे कि प्रत्येक सफाई कर्मी को पच्चीस सौ रुपया देना होगा। आपसी बातचीत मे 11 सौ रुपए देने पर सफाई कर्मी राजी हो गये है।जैसी जनमानस मे जोरदार चर्चा है। ऐसे मे कई लाख रुपए का महीने का इन्तजाम हो जायेगा तभी न राजनीति चमकेगी। सफाई कर्मी सहमे है। जब उनका तनख्वाह लोगो मे बट जायेगा तो उनके बच्चो की परवरिश कैसे होगी। साथ ही उनका भी दैनिक खर्च है। सफाई कर्मीओ को ब्लाक मे भी चंदा देना होता है साथ ही ग्राम सभा के कुछ माननीय भी अपना जेब गरम करवाते रहते है। इसके अलावा गांव के कुछ मनबढ किस्म के लोग शराब और मुर्गा के लिए भी हूल पानी देकर धन ऐठ लेते है। लोकतंत्र मे नोट तन्त्र हाबी होता जा रहा है। कुर्सी मिलते ही चुनावी लागत निकालने का तरकीब शुरु हो जाता है। पहला दिमाग सफाई कर्मी पर जाता है। इसके बाद सरकारी खजाना लूटने के बहुत से तरकीब लगाये जाते है। विकास के लिए पहले कमीशन देना पड़ता है। फिर गांव का विकास कम अपने विकास पर लोग जोर देते है। उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार की मंशा के तहत ग्राम सभा का विकास कार्य किया गया होता तो आज गांव स्वर्ग हो गया होता। जरा सोचिए सिर्फ एक ग्राम सभा का बीस साल का विकास और सरकार ने कितना धन दिया है आंकडा निकाल लीजिए सब पता चल जायेगा। गांव के माननीय का आय से अधिक संपत्ति की जांच हो जाय तो भी काफी कुछ भ्रष्टाचार से संबंधित जानकारी हो सकती है। सफाई कर्मी स्वच्छ भारत मिशन के सजग प्रहरी है अगर इनका आर्थिक उत्पीड़न अगर किसी के भी द्वारा किया जा रहा है तो निन्दनीय है। कुछ सफाई कर्मी ने इस बात का जिक्र भी किया कि तरह-तरह के हथकण्डे अपना कर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। जेडी सिंह