रामपुर। जौनपुर। जिले के रामपुर विकास खण्ड के नेवादा भानापुर ग्राम सभा का ओम श्री परमहंस आश्रम संतो के तपोभूमि के रुप मे जाना जाता है। सैकड़ो वर्ष से गुरु शिष्य परंपरा के तहत मन के विचलन को थाम करके मानव रुपी मंदिर मे ईश्वर के सहज अनूभूति का मार्ग बताया जाता है। विचार शून्य होकर राम को महसूस किया जा सकता है और ओम के ध्वनि को सुना जा सकता है। भगवानानंद महाराज की कृपा आज भी भक्त जन को मिलता रहता है। आश्रम के संत राममूर्ति बाबा ने बातचीत के दौरान कहा कि ब्रम्ह एक है। निर्गुण है। सगुण रुप मे व्रम्ह आते है तो शक्ति की जरूरत पड़ती है। ब्रम्ह की शक्ति माया है। एक है भक्ति मोक्ष के रास्ते पर ले जाती है। दूसरी है माया जो भौतिक जगत मे जाती है। माया त्रिगुण है। सात्विक तामस राजस। ब्रम्हा विष्णु महेश यही से माया है। कहा कि जन्मो,जन्मो का संस्कार मन के साथ जुड़ा रहता है। जिससे मन मे कुसोच का भाव आता रहता है। जिसे राम नाम या ओम नाम के जाप से पवित्र किया जाता है। जिससे साकारात्मक विचार का अभ्युदय होता है। नेवादा के सदगुरु भक्त निरंजन व बबलु उपाध्याय ने बताया कि ओम श्री परमहंस आश्रम नेवादा संतो की तपोभूमि है। जहां भारत देश के अन्य प्रदेशो से भक्त जन संत दर्शन को आते रहते है। द्वादश ज्योर्तिलिंग का दर्शन लाभ भी भक्तो को मिल रहा है। जेडी सिंह