जौनपुर। रामनगर विकास खण्ड मे विकास के तीन पहलू है। कमीशन,जाच और भ्रष्टाचार। विकास की ऐसी धारा कभी नही बही होगी। ग्राम सभाओ मे विकास दिख रहा है। जनबुनियादी सुविधा बेहतर हुई है। गांव की सरकार अपने गति से चल रही है। यह बात जुबानी आम तौर पर विदित है। 22 प्रतिशत कमीशन सरकार से जुड़े लोग विकास के नाम पर पहले ले रहे है। इसके बाद विकास की फाइल की स्वीकृति है। कमीशन देने वाले लोग अक्सर कहते सुने जा सकते है। 6 प्रतिशत किसी अधिकारी का तो दस प्रतिशत एमबी करने वालो का 5 प्रतिशत पत्रावली बनाने वाले अधिकारी को कमीशन देना पड़ता है। उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार की योजनाओ का क्रियान्वयन सुचारु रुप से चल रहा है। पारदर्शिता मे जाच है कार्यवाई नही। एक तरफ देश के प्रधान मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान के तहत घर, घर शौचालय बनवाने के लिए प्रत्येक गाँव मे अमूमन लोगो को प्रेरित करने के लिए बारह हजार का धन अवमुक्त किये। गांव को शौचमुक्त बनाया गया। हकीकत की जांच हो तो कम लोगो को ही इज्जत घर बनवाने को धन मिला। जो शौचालय बना भी है वर्तमान दशा दयनीय है। शायद सुलभ शौचालय 99 ग्राम सभाओ मे कुछ ही चालू हो सकते है। खेल कूद के मैदान मे लगे खेलकूद का उपकरण कही, कही सुरक्षित है नही तो उखड, पुखड गये है। पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पशु शेड,बकरी शेड,नाद चन्नी पर विशेष जोर दिया। जिसमे कुछ लोगो का तो शेड बना। नही तो धन का बंदरबांट हो गया। शौचालय,पशु और बकरीशेड और खेलकूद मैदान मे व्यापक धांधली से इन्कार नही किया जा सकता है। ग्राम सभाओ मे पात्रो की सूची पर अगर गौर किया जाय और पशु और बकरी शेड की ईमानदारी से जांच हो पात्रो से मिला जाय तो चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते है। हालांकि होना कुछ नही है। बहुत जाच हुई और हो रही है। अन्त मे क्लीनचिट मिलना ही मिलना है। ऐसा होता आ रहा है। भ्रष्टाचार खत्म नही होना है। जब अधिकारी और कर्मचारी ईमानदार होगे तभी भ्रष्टाचार खत्म होगा। तभी पारदर्शिता आयेगी। एक तरफ दुनियाभर मे राम नाम की गूंज है दूसरी तरफ जौनपुर की रामनगरी मे ठनठन गोपाल है। सरकारी खजाना इन दिनो कम आ रहा है। इसलिए लोगो मे अफरा, तफरी का माहौल है। एमबी बनना कमजोर हुआ है। कमीशन का थैला ले जाने वाले कुछ लोग दुखी है। इनकम कमजोर होने के आसार है। रामनगर विकास खण्ड मे लगभग एक दर्जन ऐसे ग्राम सभा है जो विकास के चरम पर है। जेडी सिंह संपादक