जौनपुर। बजट के छठवे दिन अपना दल एस के मड़ियाहू विधायक डा•आरके पटेल उत्तर प्रदेश के सदन
मे अपनी बात रखते बजट को ऐतिहासिक बताया। प्रदेश की उत्तमता को दर्शाया। जिसे सदन मे बैठे सदस्यो ने गंभीरता पूर्वक सुना। जब बात अपने विधान सभा की कर रहे थे तो ऐसा लग रहा था मड़ियाहू की हर समस्या का विधायक ने अवलोकन किया है और समस्या निस्तारण का उपाय भी है। जिसे विधान सभा मे प्रमुखता से रंखा है। जो अमल योग्य है। विधायक सत्र के दौरान सरकार की उपलब्धियो और अपने विधान सभा की समस्याओ और उत्तर प्रदेश के उत्तमता को बखूबी दर्शाया और अपनी विधान सभा के विद्युत ओवर लोड की समस्या से निजात कैसे मिले इसके लिए सुझाया। उन्होंन कहा कि मईडीह गांव मे 132 केवी का विद्युत स्टेशन है।जिसकी क्षमता बढ़ाकर 220 किलोवाट कर दिया जाय तो ओवर लोड की समस्या का समाधान हो जायेगा। रामपुर के बारे मे उन्होंन कहा कि यह आकांक्षी ब्लाक है। जिसमे विद्युत की सप्लाई भदोही से है। यदि 132 केवी विद्युत सब स्टेशन का निर्माण हो जाय तो रामपुर की वर्षो पुरानी समस्या से निजात मिल सकता है।उन्होंन कहा कि मड़ियाहू विधान सभा क्षेत्र मे केले की खेती व्यापक पैमाने पर होती है और बसुही नदी बहती है। अगर दो,दो किलोमीटर की दूरी पर चेक डेम बन जाय तो किसानो की आय दोगुनी नही चौगुनी हो जायेगी। उन्होंन कहा कि मड़ियाहू नगर के वाईपास पर जाम की विकट समस्या है।यदि आरओबी का निर्माण हो जाय तो इस समस्या से गमनागमन कर रहे लोगो को जाम से छुटकारा मिल सकता है। सदन मे उन्होंन कहा कि पाली गुतवन मार्ग पर रेलवे फाटक या अन्डर पास पुल बन जाता तो काफी हद तक आवागमन की सुविधा उत्तम हो जाती और दुर्घटना का खतरा टल जाता। बातो, बातो मे उन्होंन कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़ियाहू पर अल्ट्रासाउंड केंद्र नितान्त जरुरी है। यदि यह सुविधा उपलब्ध हो जाता तो मरीजो को दूर न जाना पड़ता है। रामपुर मे राजकीय इण्टर कालेज और मड़ियाहू मे पीजी कन्या कालेज खोलने पर बल दिया। आध्यात्मिक विकास की जिस सोच को विधायक ने सदन मे प्रस्तुत किया वह काबिले तारीफ है। तीर्थ चाहे जो हो संसार को सदैव से कुछ न कुछ देता आ रहा है। पर्यटन को बढावा,संस्कार और सभ्यता का आदान प्रदान। अयोध्या,मथुरा काशी,हरिद्वार जैसे अनेको तीर्थ भारत मे एक दूसरे को जोड़कर रंखे है। भारत देश परंपराओ का संगम है। जिसकी अपनी, अपनी मान्यता है। मानवीय आत्मीयता ही भारत का दर्शन है। जिसमे भाषाई बोध है। जेडी सिंह संपादक