जौनपुर। भाजपा की राजनीति मे जौनपुर संसदीय सीट पर गुजरात और मुबंई के कुछ नेताओ की नीति हाबी है। मसला सबको समझ मे आ रहा है। स्थानीय लगभग दो दर्जन भाजपा नेताओ की चाह रही लोकसभा चुनाव लड़ने की। तैयारी रही। दायित्व का निर्वहन रहा है। रात दिन पार्टी की रीति नीति पर चर्चा के साथ भाजपा संगठन के लोग चुनाव लड़ने योग्य पिच तैयार करते है। जिले मे भाजपा के दिग्गज, दिग्गज नेता है। कार्यकर्ता है। चुनाव लड़ने की क्षमता भी है। चुनाव मे मतदाता मोदी और योगी के नाम पर वोट दे रहे है। लेकिन चुनावी फिजा भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता बनाते है। एक,एक मत को जोड़ते है। धरती के दो संत मोदी और योगी की महिमा से लोग चुनाव जीतते है और सांसद बन जाते है। ऐसे मे राम भक्त ज्ञान प्रकाश सिंह भी तो उम्मीदवार हो सकते है। जिन्होंन जौनपुर शहर को राम मय बनाया और तत्व और दर्शन के महात्म्य को रामोत्सव और राम कथा के माध्यम से जन,जन मे बोध कराया ऐसी महान आत्मा जो राम से जुड़ी है। जिसे नकारा जाना कितना उचित है कितना अनुचित है। शहर और देहात के लोगो मे चर्चा है। राम भक्त ज्ञान प्रकाश सिंह की छवि है। गुगल बाबा से पूछ लीजिए,भाजपा ने जिसको उम्मीदवार बनाया है उनकी भी जो छवि है गूगल बाबा के पास है। शीर्ष नेतृत्व ने तो अपना निर्णय ले लिया है। लेकिन कभी,कभी ऐसा भी होता है कार्यकर्ता निर्णय बदलने पर मजबूर कर सकते है। भाजपा संगठन की देन है मोदी और योगी जन,जन मे विदित है। जगदीश सिंह संपादक