जौनपुर। आज के दौर मे अधिकांश लोग झूठ बोल रहे है। बात का पहले लोग वजन रखते थे। जो बात करते थे। उसपे खरा उतरते थे। इन्सान, इन्सान की कद्र करता था। अब वह बात नही है। लोग वचन देकर मुकर जाते है। बात मे इतना मिठास होता है कि दिल खुश हो जाता है। लेकिन पैतरा ऐसा कि समझ पाना मुश्किल हो जाता है। पहले के लोग सहयोगी नेचर के होते थे। अब लोग यह सोचते है कि सिर्फ मेरा विकास हो और मै ही धरती पर सर्वोपरि हू। धरती पर लोग अपना साम्राज्य तो बना लेते है। लेकिन जो जड होता है । जो मार्ग दर्शक होते है। उन्हे भूल जाते है। या भूलने की कोशिश करते है। यह बिलकुल सत्य बात है। चाहे जिस क्षेत्र मे चाहे जो भी व्यक्ति आगे बढ़ता है। उसके पीछे सहयोगी प्रकृति काम करती है। भारत की परम्परा है। खुद आगे बढ़ो और दूसरो को भी आगे बढ़ने का मौका दो। किसी के भी प्रति किसी भी प्रकार की दुर्भावना मन मे नही रखना चाहिए,संसार के रचयिता ने प्रकृति बनायी है। जिसमे पंचभूत सामग्री ही जीवन दायनि है। समय सबका एक बराबर नही रहता। उतार-चढ़ाव होता रहता है। अगर मालिक ने किसी को योग्य बनाया है तो गरीबो,असहायो,बेसहारो की मदद के लिए। गरीबी का मजाक उड़ाने पर भगवान नाराज होते है। क्योंकि दरिद्रता मे ही प्रभु निवास करते है। जेडी सिंह
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