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पूर्व सांसद धन्जय सिंह चाहे जितना जोर लगा ले,मछलीशहर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी भोलानाथ सरोज का जीतना आसान नही,सवर्णो की नाराजगी की वजह से चुनावी डगर है कठिन

जौनपुर। मछलीशहर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार भोलानाथ सरोज को जीताने के लिए पूर्व सांसद धन्जय सिंह की टीम मैदान मे उतर चुकी है। इधर बीपी सरोज से सवर्ण समाज मे काफी नाराजगी देखी जा रही है। सोशल मीडिया मे भी जिसका उदगार है। जो जमीनी हकीकत है। चाहे जिस विधान सभा मे जाइये और श्री सरोज का नाम लीजिए फिर देखिये लोग किस प्रकार से नाराजगी जाहिर करते है। मोदी और योगी के लिए लोग कहते है। जरुरत तो सांसद से पड़ती है। मोदी और योगी यहा समस्या का निस्तारण तो करने आयेगे नही। पाच साल झेला गया।फिर आगे लोग सोचने पर मजबूर हो जा रहे है। दस व्यक्ति से अगर बात करिये तो माननीय जी के नाम से सात से आठ व्यक्ति नाराजगी जाहिर कर रहा है। एक नरेटिव लोगो के मन मे बैठ गया है। जो अभी तक निकल नही पाया है। लोगो को बार,बार दौड़ाना,काम न करना,लेटर लिखने मे आप को महारत हासिल है। नौकरी के नाम पर युवाओ को भ्रमित करना,गलत लोगो की पैरवी करना जैसी बहुत सी बाते लोग चर्चा के दौरान कह रहे है। केराकत, पिण्डरा,जफराबाद,मड़ियाहू विधान सभा के लोगो को लगभग 50,60,70 किलोमीटर की दूरी तय करके सांसद के घर मादरडीह जाना होता है। बाईक से भी लोग जाते है। चार पहिया वाहन अगर भाड़े का है तो दो हजार किराया तो लगता ही है। उपर से टोल टैक्स भी देना पड़ता है। ओबीसी वोट भाजपा और सपा मे बट जाना है। जिस मतदाता संख्या पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने भोलानाथ सरोज को टिकट दिया है। सपा ने प्रिया सरोज को और बसपा ने कृपाशंकर सरोज को चुनाव मैदान मे उतारकर लड़ाई को रोचक बना दिया है। केराकत से तूफानी सरोज विधायक है। पिण्डरा विधान सभा मे उनका घर है। उनकी बेटी प्रिया सरोज चुनाव लड़ रही है। जफराबाद से जगदीश नारायण विधायक है। जो सपा विचार धारा से जुड़े है। मछलीशहर मे रागनि सोनकर सपा विधायक है। तीन विधान सभा मे सपा बेहद मजबूत है। अपना दल एस के मड़ियाहू विधायक डा• आरके पटेल है। पिण्डरा से भाजपा विधायक अवधेश सिंह है। मड़ियाहू से सपा कम वोट से विधान सभा चुनाव हारी है। इधर बसपा उम्मीदवार कृपाशंकर सरोज है। कही आईएएस दिमाग सबको मात न दे, दे। न कोई शोर गुल,न मीडिया मे बयान बाजी। गंभीर और शान्त तरीके से किला फतह करने की मजबूत तैयारी तो नही। पिछला लोकसभा चुनाव सपा और बसपा मिलकर लडे। जिसमे बीपी सरोज को 4,88397 वोट मिले। जबकि बसपा,सपा गठबंधन के उम्मीदवार टीराम को 4,88216 वोट मिले। 181 वोट से जीतकर भोलानाथ सरोज सांसद बने। मछलीशहर लोकसभा मे कुल मतदाता 18,48306 है। जिसमे पुरुष 9,85789,तो महिला 8,62427 है। यह आकडा 2019 के चुनाव का है। 2024 के चुनाव मे मतदाता संख्या बढ़ी होगी। पिछले चुनाव मे वोट56 प्रतिशत पड़ा था। इस चुनाव मे संभावना है वोट प्रतिशत घट सकता है,बहुतो मतदाता बीपी सरोज के विरोध मे मतदान करने नही जा सकते है। ऐसी संभावना है। लोगो के बीच इस बात की चर्चा है। बहुतो लोग नोटा दबाने की बात कर रहे है। सपा और बसपा को पिछले चुनाव मे जितना मिलाकर वोट मिला है।उससे अधिक भाजपा को वोट मिला। इस बार सपा और बसपा गठबंधन नही है। भाजपा को उस बार सरोज बिरादरी का लगभग वोट मिला होगा, बताया जाता है 2 लाख से अधिक सरोज मतदाता है। इस बार यह वोट तीन हिस्से मे बट जायेगा। क्योंकि तीनो दल के उम्मीदवार एक ही जाति के है।जिस तरीके से सवर्णो की नाराजगी है धन्जय सिंह चाहे जितना जोर लगा ले बीपी सरोज का चुनाव जीतना आसान नही होगा। ऐसा भी नही है की सवर्ण समाज के लोग धन्जय सिंह की बात मानकर बीपी सरोज को वोट कर देगे। जिला पंचायत अध्यक्ष उनकी पत्नी श्रीकला सिंह है और प्रिन्सू सिंह विधान परिषद सदस्य है। दो मजबूत राजनीति करने का आधार उनके पास है। जो कि हर गांव तक लोगो से जुड़े है। जिसके बल पर बीपी सरोज को मछलीशहर मे प्रचण्ड मतो से जीताने की बात कर रहे है। कुछ प्रमुख ऐसे भी है जो धन्जय सिंह के कृपा से जीते है। जिनमे किसी,किसी का कार्य प्रणाली ठीक है। किसी,किसी का तो बहुत ही काबिले तारीफ है। धन्जय सिंह का मछलीशहर के मतदाताओ पर बहुत प्रभाव नही है। इतना जरुर है भाजपा संगठन मजबूत है। भाजपा के पास पर्याप्त वोट बैंक है। भाजपा कार्यकर्ता मछलीशहर मे बीपी सरोज को जीताने मे संक्षम है। रही बात बीपी सरोज की तो इन्सान अच्छे है। कुछ इनके गुण बहुत ही सराहनीय है तो कुछ ऐसा दुर्गुण है जिसकी वजह से भाजपा परिवार के अधिकांश लोग नाराज है। जगदीश सिंह संपादक

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