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खण्ड विकास अधिकारी रामनगर का बनारस के बार्डर गांव के कंपोजिट विद्यालय दीपापुर का दौरा,उम्मीद है समस्याओ का निदान जल्द होगा,भारत की बुनियादी शिक्षा से ही देश बनेगा निपुण, तरती न्याय पंचायत के स्कूलो मे 41 अध्यापक 6 शिक्षा मित्र लगभग एक हजार बच्चो के भविष्य को सवारने मे जुटे है,हरिशंकर यादव

जौनपुर। हरिशंकर यादव नोडल शिक्षक संकुल तरती ने कहा कि प्राथमिक परिषदीय विद्यालयो की शिक्षा भारत की बुनियादी शिक्षा है। जिसमे प्रकृति का समावेश है। नैतिकता का पाठ है। प्रशिक्षित शिक्षको द्वारा पठन-पाठन है। विद्यालय के बच्चो को उनके रूचि के अनुसार दक्षता की पहचान की जाती है। बहुत से बच्चो मे वैज्ञानिक दृष्टिकोण,खोजी प्रवृत्ति,सांस्कृतिक झुकाव गीत, संगीत के अलावा खेलकूद मे रूचि दिखलाई पड़ता है। मन के स्थिति के अनुसार निपुणता को परखा जाता है। निपुण ऐप है। जिसमे सरल शब्द के माध्यम से अक्षर का ज्ञान कराया जाता है। कक्षा एक का बच्चा आसानी से दस तक के गिनती के अंक का पहचान कर सके। 99 तक के अंको को पढ़ सके और जोड़ घटाव कर सके। कक्षा दो का बच्चा 45 से 60 शब्द एक मिनट मे पढ़ ले। 999 अंक तक समझ और पढ़ सके। जोड़,घटाव कर सके। कक्षा तीन का बच्चा एक मिनट मे 60 शब्द पढ़ सके। समझ भी हो। गणित मे 9999 मे संख्याओ को पढ़ सके और जोड़, घटाव कर सके। कक्षा एक से तीन तक के बच्चो को निपुण बनाया जाता है। उपचारात्मक शिक्षण की भी व्यवस्था है। जिसमे कमजोर बच्चो को पढ़ाया जाता है और निपुण बनाया जाता है। कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सेवारत प्रशिक्षण देती है। जिसमे शिक्षको को पढ़ाया जाता है। जब उनसे यह सवाल किया गया कि सरकारी स्कूल मे प्रशिक्षित योग्य शिक्षक है बाबजूद अभिवावको का झुकाव कान्वेंट स्कूल की ओर क्यों है। जबाब मे उन्होंन कहा कि कान्वेंट स्कूल मे पढ़ाने की एक परम्परा बन गयी है। फैशन हो गया है। कहा कि कान्वेंट का मेन फोकस अंग्रेजी को बढ़ावा देना है। जबकि सरकारी प्राथमिक विद्यालयो का बुनियादी शिक्षा पर जोर है। जो भारत को निपुण बनाता है। कहा कि सरल भाषा मे विषयो का ज्ञान कराया जाता।गणित,अंग्रेजी के साथ नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है। उठना,बैठना,बोलना,चलना तो सिखाया ही जाता है साथ ही गुरुजनो,माता,पिता अपने से बड़ो के सम्मान का पाठ पढ़ाया जाता है। प्रकृति के नेचर से बच्चो को अवगत कराया जाता है और प्रकृति से जुड़ाव की बात कही जाती है। जल संचयन पर जोर है। वृक्षारोपण के लिए प्रेरणा है। स्वच्छता ही ध्येय है। देश भक्ति का जज्बा है। नशा मुक्ति आंदोलन है। वतन से प्यार है। मातृभूमि को नमन है। कान्वेंट स्कूल मे प्वाइंट द प्वाइंट शिक्षा है। जबकि सरकारी स्कूल मे भौतिक परिवेश को जोड़ते हुए शिक्षा दी जाती है। बताया कि मध्याह्न भोजन मीनू के अनुसार बच्चो को दिया जाता है। तरती न्याय पंचायत मे तरती,गोसाईपुर,बोधीपुर,सरैया,छत्तिसा कला आदि प्राथमिक विद्यालय है। जबकि कंपोजिट विद्यालय मे भटवार,दीपापुर,खेतापुर शामिल है। प्राइमरी मे लगभग सात सौ बच्चे और मिडिल मे लगभग तीन सौ बच्चे है। 41 अध्यापक और 6 शिक्षा मित्र बच्चो के उज्जवल भविष्य को संवारने मे जुटे है। दीपापुर कंपोजिट विद्यालय मे वाउन्ड्री बनी है। जिसकी उचाई कम है। जिसे उचा करने की तत्काल जरूरत है। स्कूल के प्रांगण मे वर्षा होने पर जलभराव की स्थिति बनी रहती है। जो जटिल समस्या है। जिसके निदान की सख्त जरूरत है। बाउन्ड्रीवाल के पीछे का रास्ता बंद होना चाहिए। कैम्पस मे सीमेंट ईट से इण्टरलाकिग हो जाता तो कैम्पस से जलभराव की समस्या खत्म हो जाता। बताया गया कि कुछ दिन पहले खण्ड विकास अधिकारी रामनगर रेनू चौधरी ने कंपोजिट विद्यालय का दौरा किया। बहुत सी बाते उनके संज्ञान मे है। उम्मीद है बनारस के बार्डर के गांव का स्कूल जल्द ही समस्याओ से अवमुक्त होगा। दीपापुर के ग्राम प्रधान उमेश चन्द्र दूबे (दरोगा) ने कहा कि स्कूल के सभी समस्याओ से अवगत हू। संज्ञान मे बात है। हर समस्या का समाधान होगा और स्कूल को दिव्य और भव्य बनाया जायेगा। जेडी सिंह संपादक

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