BREAKING NEWS
Home / सुर्खियां / बिरादरीबाद के नामचीनो का गुणगान करके भवकाल बनाने और दंबगई करने वालो की है संख्या,मनी,मीडिया, माफिया के दौर मे हाबी है राजनीति,जातिवाद,धर्मवाद का है बेग,सभी धर्म महान,राम जाने

बिरादरीबाद के नामचीनो का गुणगान करके भवकाल बनाने और दंबगई करने वालो की है संख्या,मनी,मीडिया, माफिया के दौर मे हाबी है राजनीति,जातिवाद,धर्मवाद का है बेग,सभी धर्म महान,राम जाने

जौनपुर। हर मनुष्य की अपनी प्रवृत्ति है,सोच है,कुसोच है। साकारात्मक और नकारात्मक उर्जा का बहाव है। अच्छाई है। बुराई है। लाभ के लिए इन्सान तरह-तरह का हथकन्डा अपना रहा है। अमीर बनने के साथ लोग राजशाही जीवन जीने की परिकल्पना को साकार करने का हर संभव कोशिश कर रहे है।आर्थिक संपन्नता और विस्तारवादी सोच को लेकर मनुष्य सब कुछ हासिल करना चाहता है। लक्जीरीयस जीवन जीने की चाहत लिए आदमी नैतिकता की जगह अनैतिकता को बढ़ावा दे रहा है। झूठ भी खूब बोला जा रहा है। ईमानदारी कम है। बेईमानी कुछ ज्यादा है। वर्चस्व युग मे खुद ब खुद लोग खुद को महान बनने के लिए खूब दिखावा कर रहे है।थोड़ी प्रभुता मिली तो गुमान है। बजूद बस इतना है मिट्टी की शरीर है। मिट्टी मे मिल जाना है। श्ववास भी अपना नही। न जाने लोग खुद को क्या समझ रहे है और भवकाल दिखाकर जनमानस को न जाने क्या संदेश देना चाह रहे है। आधुनिक युग का मानव समाज बेहद जागरुक है। बहुत से लोगो की मठाधीशी प्रभावित है। जिसकी अकुलाहट से मठाधीश प्रभाव बनाने के लिए नित्य नये हथकण्डे अपना रहे है। जमाना तेजी से बदल रहा है। अब कोई न किसी को दबा सकता न ही बहका और भटका सकता है। इन्टरनेट युग मे सोच और विचार बदलाव की ओर है। जातिवाद, धर्मवाद का वेग है। सभी धर्म महान है। कुछ मनुष्य मानवता तो कुछ दानवता की ओर अग्रसर है। आह की वेदना है। खुशी है। चिन्तन की जगह चिन्ता है। प्रेम की जगह नफरत है। शान्ति की जगह अशांति है। जातिवाद करके मनुष्य से मनुष्य भेद कर रहा है। एक दूसरे को हेय दृष्टि से देखा जा रहा है। बिरादरीबाद मे भी लंमरदार लोंगो की ही पूजा है। चाहे जो भी बिरादर के लोग हो मठाधीशी का प्रभाव है। जो विकसित है वह अपने बिरादरी के लोंगो का तो फायदा खूब लेते है। विकास की बात आती है तो कन्नी काट जाते है। हर बिरादरी के अमीर चाहे तो अपने,अपने बिरादरी का गरीबी मिटा सकते है। कुछ लोग हर बिरादरी मे अपने बिरादरी के विकास के लिए संकल्पित है। अधिकांश लोग तो बिरादरी मे ही बिरादरी का शोषण कर रहे है। कुछ तो ऐसे इन्सान है बिरादरीबाद के नामचीनो का गुणगान करके भवकाल बना रहे है। दबंगई भी कर रहे है। जितना बन पड़ रहा है। जेडी सिंह

About jaizindaram