जौनपुर। पुरखों के मोक्ष व उनकी आत्मा के शांति व भावी पीढ़ी के कल्याण के लिए कुल खानदान मिलकर गया पाठ का आयोजन कर रहे हैं और गया जाकर पितरों के मोक्ष के लिए श्राद्ध करेंगे।गया महात्म्य गया शहर बिहार से जुड़ी पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार, एक शक्तिशाली असुर गयासुर ने तपस्या करके ब्रह्माजी से वरदान मांगा कि उसके शरीर को छूने वाला व्यक्ति पापों से मुक्त हो जाए. बाद में, देवताओं की सलाह पर, गयासुर ने अपना शरीर दान कर दिया और देवताओं ने वरदान दिया कि यह स्थान पितृ तीर्थ बनेगा, जहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष मिलेगा. गया महात्म्य में गया शहर के धार्मिक महत्व और यहां किए जाने वाले पिंडदान की प्रक्रिया का वर्णन है.
गयासुर ने अपनी कठोर तपस्या से ब्रह्माजी को प्रसन्न किया और वरदान मांगा कि उसका शरीर पवित्र हो जाए और उसे देखने वाला व्यक्ति पाप मुक्त हो जाए.
वरदान के बाद,लोग पाप करने लगे और गयासुर के दर्शन से पापों से मुक्त हो जाते थे, जिससे स्वर्ग और नरक का संतुलन बिगड़ने लगा.
देवताओं के कहने पर गयासुर ने अपना शरीर यज्ञ के लिए दान कर दिया और वरदान मांगा कि यह स्थान भी पितृ तीर्थ कहलाएगा.
गयासुर के शरीर पर ही गया शहर की नींव पड़ी.भगवान विष्णु ने वरदान दिया कि यहां पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष मिलेगा.
गया महात्म्य का महत्व:
यह गया शहर के धार्मिक महत्व को बताता है, जहाँ पिंडदान और श्राद्ध करने से पितरों को शांति और मोक्ष मिलता है.
विष्णु पुराण के अनुसार, गया में पिंडदान करने से पितरों को इस संसार से मुक्ति मिलती है.
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि गया की ओर बढ़ा हुआ प्रत्येक कदम पितरों के लिए स्वर्ग की सीढ़ी बनाता है.
गया को पितृ तीर्थ के रूप में जाना जाता है, और पितृपक्ष में लाखों लोग पितरों का पिंडदान करने के लिए यहाँ आते हैं.
फल्गू नदी के तट पर गया शहर स्थित है, जो पितरों के तर्पण के लिए प्रसिद्ध है.
अग्नि पुराण के अनुसार, गया महात्म्य में गया शहर की महिमा और पिंडदान के महत्व का विस्तृत वर्णन है.
यहां पिंडदान करने से न केवल व्यक्ति के पितरों को, बल्कि उनके 108 कुल और 7 पीढ़ियों का भी उद्धार होता है। पितरों के मोक्ष के लिए इन दिनों श्रीमद् भागवत कथा एवं गया यात्रा का आयोजन जगह,जगह हो रहा है। इसी क्रम मे कृपा शंकर शुक्ल, (बच्चा शुक्ल) दयाशंकर शुक्ल ग्राम हथेरा डीह, भवानीगंज जौनपुर के यहां ३१ अगस्त रविवार २०२५ को रचना व वेदी पूजन किया गया। १ सितम्बर २०२५ को सोमवार से श्रीमद् भागवत कथा शुभारम्भ होगा। सायं २बजे से ६ बजे तक प्रवचन होगा। श्रीमद् भागवत महापुराण का हवन ७ सितम्बर दिन रविवार को होगा। त्रिपिंडी श्राद्ध,पार्वण श्राद्ध, एवं ग्राम परिक्रमा, तथा गया यात्रा दिनांक ८ सितम्बर दिन सोमवार को होगा। यह जानकारी पिन्टू शुक्ला ने दी। इसी क्रम मे मिसिरपुर तरती में समलदार सिंह,शेरबहादुर सिंह, रामसूरत सिंह, मार्कण्डेय सिंह,अरविंद सिंह के यहां १सितंबर को वेदी पूजन सुबह ८ बजे होगा। भागवत परायण नित्य सुबह ८ बजे से एक बजे तक जो सोमवार से रविवार तक होगा। भागवत प्रवचन दोपहर २बजे से सायं ५ बजे तक होगा। यह जानकारी अमित सिंह ने दी। इसी क्रम मे लल्लन सिंह खोराबीर के यहां गया पाठ का आयोजन किया गया है। जेडी सिंह
Home / सुर्खियां / मिसिरपुर तरती,खोराबीर, हथेरा डीह में पुरखों के मोक्ष व शांति के लिए गया यात्रा,व श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन