रामनगर। जौनपुर। मल का त्याग सिर्फ शौचालयों मे हो तो तमात तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। बाहर में शौच करने से उस पर जो मख्खी बैठती है वह घरों तक पहुंच जाती है। जो शरीर पर बैठती है और खाना खाते समय थाली में बैठ जाती है। जो बिषाक्त चीजे छोड़ जाती है और वह मनुष्य के लिए हानिकारक होता है। रामनगर विकास खण्ड अधिकारी रामचरित्र यादव सतगुरु दर्पण से विशेष बातचीत के दौरान यह बात कहीं। उन्होंने कहां कि स्वच्छता मिशन के तहत रामनगर के 99 ग्राम पंचायतों मे 18,165 शौचालय बनाने का लक्ष्य था। जिसमें 3707 शौचालय जाचोपरान्त पाया गया कि कुछ मरे हुए तो कुछ का दोबारा तो कुछ दूसरे गांव के लोगों का नाम था। अब बचे 14,458, शौचालय मे से 7950 बन गये है।6508 बनना बाकी है। जिसे बनाने के प्रयास मे तेजी है। बरसात की वजह से काम कुछ प्रभावित हो रहा है। लेकिन काम जारी है। ई. आर.91,वेस लाईन सर्वे 2012 मे हुआ था।22 हजार पांच लाभार्थियों का चयन हुआ था। जिसमें जांच मे बहुतों लोग अपात्र पाये गये। रामनगर विकास खण्ड को पूर्ण रुप से स्वच्छ बनाने के लिए ग्राम प्रधान, सक्रेटरी, सफाई कर्मी,स्वेच्छा ग्रही,आगनवाड़ी, आशा,आदि सहित अन्य लोग लगे है। दो अक्टूबर तक प्रयास है खुले मे शौच प्रथा पर पूरी तरह से रोक लग जाय। इसके लिए खुले मे शौच के आदती लोगों को समझाया जायेगा। जेडीसिंह