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कोरोना ने लाखों भक्तों के गुरु चरण वंदना पर लगायी रोक, दिल में सतगुरु को याद कर पांच जुलाई को मनाये गुरु पूर्णिमा का पर्व

देश भले अनलाक हो गया है, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना का खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में अपने भक्तों को महामारी के संक्रमण से दूर रखने के लिए स्वामी अडग़ड़ानंद महाराज ने गुरु पूर्णिमा महोत्सव को सादगी से मनाने का निर्णय लिया है। स्वामी अडग़ड़ानंद ने गुरु पूर्णिमा मनाने के लिए भक्तों को आश्रम नहीं आने का आदेश दिया है।
मध्य प्रदेश में स्थित बरचर आश्रम से अपने भक्तों के लिए संदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा है कि पांच जुलाई को गुरु पूर्णिमा महापर्व सादगी से मनाया जाएगा। बरचर आश्रम में वह संतों के बीच गुरु पूर्णिमा की धार्मिक पंरपराओं का निर्वहन करेंगे। आश्रम परिवार और भक्तों के लिए यह पहली बार है कि इस गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु की चरण वंदना और उनके दर्शन की मनोकामना पूरी नहीं होगी।
यथार्थ गीता के प्रणेता स्वामी अडगड़ानंद महाराज ने भक्तों सहित देश-विदेश में अपने विभिन्न परमहंस आश्रमों के संत महात्माओं को भी आदेशित किया है कि वे अपने आश्रम में भी उनके इस निर्णय का पालन करें और पुण्यदायी पूर्णिमा की पौराणिक परंपराओं का पूरी सादगी से निर्वहन करें।
भक्तों का उमड़ता है प्रवाह
गुरु पूर्णिमा महापर्व पर प्रतिवर्ष शक्तेशगढ़ आश्रम में भक्तों का प्रवाह उमड़ता है। आश्रम प्रांगण से सम्पर्क मार्गों तक कई किलोमीटर लंबी कतारों में 20 से 22 लाख भक्त अपने गुरु के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। देश-विदेश के संतों, महात्माओं, भक्तों और अनुयायियों की संख्या इतनी ज्यादा रहती है कि सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना किसी भी व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती होती और इसमें  संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता। इसी के मद्देनजर स्वामी जी ने यह निर्णय लिया है।
ॐ श्री सतगुरुदेव भगवान की जय
आज्ञा पालन है सर्वश्रेठ भजन है

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